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फिर उठा असहिष्णुता का मुद्दा, फिल्म निर्माता करन जौहर बोले, 'अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ मजाक है'

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में निर्माता-निर्देशक करन जौहर ने ऐसा बयान दिया है जिससे वो विवाद में घिर सकते हैं.

करन जौहर करन जौहर
दीपिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में फिल्म निर्माता करन जौहर ने देश में लोकतंत्र पर सवाल उठाते हुए असहिष्णुता के मुद्दे को फिर से हवा दे दी है. करन मानते हैं कि देश में अपनी बात बेबाक होकर कहना बेहद मुश्किल है.

'अभि‍व्यक्ति की अाजादी सबसे बड़ा मजाक'
'इंटॉलरेन्स' के मुद्दे को एक बार फिर से उठाते हुए करन ने कहा, 'आप अपनी जिंदगी के बारे में बोलने पर भी जेल में जा सकते हैं. तो फिर अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब ही क्या है? इसका मतलब तो यह हुआ कि अभिव्यक्ति की आजादी हमारे देश में सबसे बड़ा मजाक है और लोकतंत्र दूसरा बड़ा मजाक.'

 

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'मैं भी अब एक एफआईआर किंग हूं'

करन के अनुसार अगर कोई शख्स एक पब्लिक फिगर है तो वो खुलकर अपने मन कि बात कहीं नहीं कह सकता. जाहिर है उनका इशारा आमिर खान के विवाद की तरफ था. करन ने कहा , 'मैं एक फिल्म मेकर हूं, लेकिन जब भी फिल्में बनता हूं तो डरता हूं कि कहीं कोई मेरे खिलाफ किसी बात से नाराज होकर लीगल नोटिस न जारी कर दे. यहां जयपुर से वापस जाने के बाद भी मेरे खिलाफ कोई लीगल नोटिस आ सकता है. यह सब कहने के बाद मैं भी अब एक एफआईआर किंग हूं.'

 


 

संवाद को लेकर हमेशा उठता सेंसर का मुद्दा
सेशन की शुरुआत में उन्होंने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' और 'डेमोक्रेसी' को मजाक बताया. उन्होंने कहा कि फिल्म को रिलीज करने में हमेशा दिक्कत आती है. फिल्म के संवाद को लेकर हमेशा सेंसर का मुद्दा उठता है. सेंसर से पास करवाने तक कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. सेंसर की एक कमेटी आपत्तियों को हाईलाइट करती है और जब हम सुधार करके वापस सेंसर में जाते हैं, फिर नए हाईलाइट सामने आ जाते हैं.

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