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Karnataka Election Result: कौन बनेगा मुख्यमंत्री? 5 चेहरों पर नजर

कर्नाटक में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, इस बात का खुलासा कुछ ही घंटे में हो जाएगा. कांग्रेस की ओर सिद्धारमैया और बीजेपी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री के दावेदार हैं. इन 2 नामों के अलावा 3 और ऐसे नाम हैं, जो सीएम की कतार में हैं. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक के सियासी गलियारों में चर्चा है कि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की सूरत में इन 3 नामों में से किसी 1 के सिर मुख्यमंत्री का ताज सज सकता है.

कर्नाटक में कौन बनेगा मुख्यमंत्री कर्नाटक में कौन बनेगा मुख्यमंत्री
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2018,
  • अपडेटेड 7:13 AM IST

कर्नाटक में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, इस बात का खुलासा कुछ ही घंटे में हो जाएगा. कांग्रेस की ओर सिद्धारमैया और बीजेपी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. इन 2 नामों के अलावा 3 और ऐसे नाम हैं, जो सीएम की कतार में हैं. दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक के सियासी गलियारों में चर्चा है कि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की सूरत में इन 3 नामों में से किसी 1 के सिर मुख्यमंत्री का ताज सज सकता है.

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बीजेपी के सीएम कैंडिडेट बीएस येदियुरप्पा

बीएस येदियुरप्पा बीजेपी के बहुमत पाने की सूरत में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं. कर्नाटक में बीजेपी से वरिष्ठ नेता पहले से ही बीजेपी की ओर से घोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं. येदियुरप्पा को भी अपनी जीत का पूरा भरोसा है. इसी के चलते वे मतदान से कुछ समय पहले तक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे. मतगणना से ठीक एक दिन पहले भी उन्होंने दावा किया कि वो जीत रहे हैं. उन्होंने तो यहां तक दावा किया है कि वे 15 मई को शाम को पीएम मोदी से मिलने दिल्ली जा रहे हैं.

सिद्धारमैया की प्रबल संभावनाएं

चुनाव में कांग्रेस बहुमत पाती है तो सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं. कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने पर सिद्धारमैया की ना सिर्फ कर्नाटक बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी धाक बढ़ेगी. ऐसी स्थिति में उनका कद राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस में तीसरे सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरेगा. कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो ये राहुल गांधी के पार्टी नेतृत्व पर भी एक तरह से मुहर लगने के समान होगा. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है और उसमें शानदार जीत मिलती है तो उनके लीडरशिप कौशल को विरोधी भी राष्ट्रीय स्तर पर नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे.

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कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला तो...

मतगणना में अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरती है, लेकिन बहुमत से दूर रहती है तो सिद्धारमैया के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को करारा झटका लगेगा. JDS सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार नहीं होगी. सिद्धारमैया भी दलित चेहरे के लिए मुख्यमंत्री की दावेदारी छोड़ने को तैयार दिख रहे हैं. ऐसे में पार्टी में दलित चेहरे के रूप में सबसे मजबूती से मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी परमेश्वर का नाम सामने आता है.  

दलित चेहरे में मल्लिकार्जुन खड़गे सबसे आगे

खड़गे का नाम 2013 में भी कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के रूप में चल रहा था, लेकिन उस वक्त सिद्धारमैया ने बाजी मार ली थी. अगर बदले हालात में खड़गे को सीएम बनाकर भेजना पड़ा, तो राहुल खुद लोकसभा में पार्टी का नेता पद संभाल सकते हैं. खड़गे कर्नाटक की बीदर विधानसभा से आते हैं. केंद्र की राजनीति का लंबा अनुभव होने के साथ-साथ वे कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष जी परमेश्वर भी लाइन में

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर दलित मुख्यमंत्री के रूप में खड़गे के बाद दूसरे नंबर के चेहरे हैं. 2013 में कांग्रेस को मिली विजय में जी परमेश्वर की अहम भूमिका रही थी. हालांकि, वे खुद अपनी सीट नहीं बचा सके और चुनाव हार गए. इसकी वजह से वे उस समय भी सीएम पद की दौड़ में पीछे रह गए थे. लेकिन इस बार अगर दलित चेहरे की तलाश हुई तो वे इस बार भी दौड़ में मजबूती से बने हुए हैं.

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कुमारस्वामी की भी संभावनाएं

जेडीएस के पास सत्ता की चाबी है. ऐसे में जेडीएस के कुमारस्वामी के भी मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है. ये संभावना इसलिए भी बलवती होती है क्योंकि कांग्रेस किसी भी सूरत में भाजपा को सत्ता संभालते नहीं देखना चाहेगी. ऐसे में कांग्रेस जेडीएस को बाहर से समर्थन दे सकती है और कुमार स्वामी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो सकते हैं. कुमारस्वामी को 2019 में महागठबंधन होने पर भी कुछ फायदा हो सकता है.  

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