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कर्नाटक चुनाव: JDS पर शाह बोले- ओवैसी का समर्थन लेने वालों के साथ का सवाल ही नहीं

क्या जेडीएस के साथ आपसी रणनीति बनाकर चुनाव लड़ रही है के सवाल पर शाह ने कहा कि ऐसा इसलिए दिखता है क्योंकि दोनों पार्टी सरकार की सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं. ओवैसी का जो समर्थन ले उसके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता.

अमित शाह (फाइल फोटो) अमित शाह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव प्रचार अंतिम दौर में पहुंच गया है. दोनों पार्टियों के शीर्ष स्तर के नेताओं ने राज्य में चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. प्रचार के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से इंडिया टुडे ने खास बातचीत की और उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में पार्टी बड़ी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.

शाह के साथ खास बातचीत के 10 मुख्य अंश...

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कर्नाटक में चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में जाने और पार्टी की संभावनाओं पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि चुनाव ने शेप ले लिया है. भारतीय जनता पार्टी आधे से ज्यादा सीटों पर आगे निकल गई है. हम अच्छे बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं.

क्या बीजेपी जेडीएस के साथ आपसी रणनीति बनाकर चुनाव लड़ रही है, इस सवाल पर शाह ने कहा कि ऐसा इसलिए दिखता है क्योंकि दोनों पार्टियां सरकार की सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमारा किसी के साथ कोई समझौता नहीं. ओवैसी का जो समर्थन ले उसके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता.

तारीफ करना समझौता नहीं

कभी पीएम मोदी की ओर से एचडी देवगौड़ा की तारीफ करना, कभी यह कहना कि उन्हें वोट दिया तो यह वोट की बर्बादी होगी, क्या बीजेपी जेडीएस को लेकर कन्फ्यूज है, इस पर उन्होंने कहा कि किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन नहीं है. सार्वजनिक तौर पर किसी की वरिष्ठता या किसी के अच्छे गुण की तारीफ करने का मतलब यह नहीं कि कोई समझौता है. सार्वजनिक जीवन का मतलब यह नहीं कि किसी की अच्छी चीजों की तारीफ ही न की जाए.

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राज्य में ओल्ड मैसूर में जहां बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा है, 15 मई को मतगणना के बाद जेडीएस से सपोर्ट लेने के सवाल पर शाह ने कहा कि ओल्ड मैसूर के 29 में से कम से कम 15 सीटें बीजेपी इस बार जीत रही है.

आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते रहेंगे

कर्नाटक में हिंदू-मुस्लिम विभाजन की कोशिश और चुनाव को सांप्रदायिक रंग में ढालने के प्रयास के बारे में शाह ने कहा कि भटकल और जेहादियों पर अटैक करना बीजेपी का दायित्व है. हम सार्वजनिक जीवन में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने की हमारी प्राथमिकता है.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मुद्दे पर शाह ने जवाब देते हुए कहा कि यह बात पूरी तरह से गलत है. भारत का संविधान संघीय स्तर का है, जिन 2 राज्यों में पीएफआई का मामला जुड़ा है, वहां पर बीजेपी की सरकार नहीं है. कर्नाटक ने बैन करने संबंधी कोई दरख्वास्त नहीं भेजी जबकि केरल ने महज औपचारिकता निभाई. कर्नाटक में जब बीजेपी की सरकार आएगी पूरे तथ्यों के साथ दरख्वास्त केंद्र को भेजेगी और तुरंत एक्शन दिखाई देगा.

राज्य में जेहादियों के जरिए बीजेपी के मारे गए कार्यकर्ताओं की सूची में सबसे ऊपर शामिल अशोक पुजारी के जिंदा होने की खबर पर शाह ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. हमारे 24 कार्यकर्ता मारे गए. हो सकता है कि टाइपिंग एरर के कारण घायल लोगों का नाम मृतक की सूची में डाल दिया गया हो, लेकिन इसके बावजूद घटना को कम करके नहीं आंका जा सकता. इन हत्याओं को पीछे अतिवादी लोग शामिल हैं, और कांग्रेस उनके साथ करार कर रही है, इन सभी बातों का जवाब कांग्रेस को इस चुनाव में देना होगा.

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राज्य में कांग्रेस सरकार के सत्ता विरोधी लहर के अलावा चुनाव और क्या इश्यू है, के सवाल पर शाह ने कहा कि हमने 22 करोड़ परिवारों को छुआ है, 9 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना में शामिल किया है. गरीब लोगों के जीवन स्तर को उठाने की कोशिश की गई है. राज्य में अब लोग सोचने लगे हैं कि कोई सरकार है जो गरीबों के बारे में सोचती है. राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है. पूरा बंगलुरू जॉर्ज, हैरिस और रोशन बेग के हवाले कर दिया गया है. कांग्रेस समझती है कि ये लोग 3 सीट से लड़ रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि ये तीनों लोग प्रतिकात्मक तौर पर पूरे 224 सीटों पर लड़ रहे हैं.  कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा. किसानों ने जो खुदकुशी की है उसका जवाब भी उन्हें देना होगा.

पिछली बार बीजेपी शासनकाल के दौरान येदियुरप्पा के दौर पर 5 साल में 3 मुख्यमंत्री बदले गए. येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे थे, इस पर शाह ने कहा कि इस बार बीजेपी की सरकार बनी तो 5 साल चलेगी, क्योंकि ऊपर भी बीजेपी की सरकार है और वो सरकार गिराने का काम नहीं करती है.

किसी भी घोटाले में येदियुरप्पा की संलिप्तता नहीं पाई गई, पिछले 5 साल तक कांग्रेस की सरकार थी उसके पास जांच की सारी एजेंसियां थीं वह भी कुछ नहीं हासिल कर सकीं.

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