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कर्नाटक: इन 5 कांग्रेस नेताओं के पुत्रों को टिकट, इन्हें मिली निराशा

कांग्रेस के करीब तीन दर्जन नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन इनमें से महज पांच नेताओं की अगली पीढ़ी पर भरोसा किया गया है.

कांग्रेस नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट कांग्रेस नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST

कर्नाटक के सिंहासन को बचाए रखने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. पार्टी सिद्धारमैया को आगे करके मैदान में उतरी है. कांग्रेस ने राज्य की सियासी जंग को फतह करने के लिए अपने योद्धाओं के नामों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस के करीब तीन दर्जन नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन इनमें से महज पांच नेताओं की अगली पीढ़ी पर भरोसा किया गया है.

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218 उम्मीदवारों की लिस्ट

बता दें कि राज्य की 224 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस ने रविवार को 218 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. पार्टी ने अपने ज्यादातर मौजूदा विधायकों पर भरोसा किया है. पार्टी ने सिर्फ 14 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं. कांग्रेस ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है, उनमें सिंगडी, नागथन, मेलूकोटे, कित्तूर, रायचूर और शांतिनगर सीटें शामिल हैं.

कांग्रेस के करीब तीन दर्जन नेताओं ने अपनी अगली पीढ़ी को सियासत में उतारने का ख्वाब देखा था. इन नेताओं ने अपने बेटे-बेटियों के लिए सीएम सिद्धारमैया से लेकर पार्टी आलाकमान तक टिकट के लिए जुगाड़ लगाया था. इन तीन दर्जन कांग्रेसी नेताओं में से महज पांच को ही टिकट मिल सका है. बाकी नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

कांग्रेस के इन नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतींद्र को वरुणा विधानसभा से टिकट दिया गया है. कर्नाटक के गृह राज्यमंत्री रामालिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या को बोमानहाली विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है. रियल एस्टेट क्षेत्र के बड़े कारोबारी और नेता एम कृष्णप्पा के बेटे प्रिय कृष्णा को गोविंदराजनगर से टिकट दिया गया है. हालांकि, वो पहले से विधायक हैं. शमनूर शिवशंकरप्पा के बेटे एसएस मल्लिकार्जुन को टिकट दिया है. सिद्धारमैया सरकार में ये राज्यमंत्री है. लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने से नाराज थे. पार्टी ने उन्हें मना लिया है.

कर्नाटक के विधि और संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्रा के बेटे संतोष जयचंद्रा को टुमकुर जिले से उतारा गया है. राज्य में कांग्रेस के दलित चेहरे मल्लिकार्जुन खडगे के बेटे प्रियांक खडगे को चैतपुर सीट से टिकट दिया गया है. हालांकि, वो पहले से पार्टी के विधायक हैं.

ये नेता हुए महरूम

कांग्रेस के कई नेता अपने बेटे और बेटियों को टिकट दिलाने में जहां कामयाब रहे वहीं कुछ दिग्गज नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है. इनमें कांग्रेस नेता एच मुनियप्पा अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे, जिसे पार्टी ने नहीं दिया. राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मारग्रेट अल्वा अपने पुत्र निवेदित अल्वा के लिए चाहती थीं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली अपने पुत्र हर्ष के लिए लॉबिंग कर रहे थे. लेकिन हर्ष के एक विवादित ट्वीट के चलते टिकट नहीं मिला. लोकनिर्माण मंत्री डॉ. एचसी महादेवप्पा अपने पुत्र सुनील बोस के लिए टिकट मांग रहे थे.

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