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कर्नाटक में शादी बंदी! चुनाव आयोग की सख्त जांच से आ रही मुश्किल

चुनाव आयोग राज्य में नकदी की भारी आवाजाही पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा है, ताकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटरों को किसी तरह से खरीदने या लुभाने की कोशिश न हो सके. लेकिन इसका असर उन लोगों पर भी हो रहा है जिनके यहां लग्न के इस सीजन में शादियां हैं.

चुनाव आयोग की सख्ती से शादियों आ रही मुश्किल चुनाव आयोग की सख्ती से शादियों आ रही मुश्किल
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 03 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव प्रचार की गहमा-गहमी के बीच महीनों से उत्साह से शादी की तैयारी में लगे तमाम लोगों के लिए अचानक काफी मुश्किल खड़ी हो गई है. चुनाव आयोग की टीम जगह-जगह नकदी, सामान की आवाजाही की जांच के लिए चेक पोस्ट बनाए हुए है, इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, चुनाव आयोग राज्य में नकदी की भारी आवाजाही पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा है, ताकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटरों को किसी तरह से खरीदने या लुभाने की कोशिश न हो सके. लेकिन इसका असर उन लोगों पर भी हो रहा है जिनके यहां लग्न के इस सीजन में शादियां हैं.

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50 हजार से ज्यादा सामान ले जाने पर रोक

बागलकोट जिले के कामतगी इलाके में रहने वाले एक दूल्हे के पिता ने अखबार को बताया कि किसी एक गाड़ी में 50,000 रुपये से ज्यादा का सामान भी नहीं ले जाने दिया जा रहा. उन्होंने अपनी होने वाली बहू के परिवार को उपहार में देने के लिए सिल्क की साड़ियां खरीदी थीं, लेकिन वे इतनी महंगी थीं कि नियम के मुताबिक वे एक गाड़ी में तीन साड़ी से ज्यादा नहीं ले जा सकते. यही नहीं चुनाव आयोग की जांच टीम इन साड़ियों का बिल भी मांगती है.

मुश्किल बस इतनी ही नहीं है, वेडिंग हॉल की बुकिंग, कितने गेस्ट होंगे,  किस तरह का खाना सर्व किया जाएगा, सब पर एक तरह का अंकुश लगा हुआ है, क्योंकि चुनाव आयोग की टीम इन सबके लिए बिल मांगती है.

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खानापुर में रहने वाले एक लड़की के पिता ने कहा कि ऐसी परिस्थ‍िति में वे शादी कैसे करें, क्योंकि अपने रिश्तेदारों के लिए लाने वाले छोटे-छोटे से गिफ्ट की भी जांच की जा रही है. तमाम परेशान लोग स्थानीय प्रत्याशी से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

कर्नाटक में अक्सर लोग शादियों में जमकर खर्च करते हैं. इसलिए उसकी तैयारी में उन्हें भारी नकदी लेकर शॉपिंग करने या कहीं और जाना होता है. ऐसे लोग चुनाव आयोग के चेक पोस्ट से डर रहे हैं. बहुत से लोगों के पास नकदी पैसे का हिसाब नहीं होता, इसलिए उन्हें डर है कि उनका पैसा तो जब्त हो ही जाएगा, उलटे उन्हें इनकम टैक्स की जांच का अलग से सामना करना होगा.

चुनाव आयोग ने मदद के लिए राज्य में अर्द्धसैनिक बल बुलाए हैं और राज्य पुलिस से जगह-जगह चौकियां बनाने को कहा है ताकि चुनाव के दौरान किसी तरह से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश और राजनीतिक दलों द्वारा नकदी की अवैध आवाजाही पर अंकुश लग सके. इन चौकियों द्वारा अब तक करोड़ों रुपये जब्त किये जा चुके हैं. बताया जाता है कि साल 2013-14 के मुकाबले इस बार अब तक तीन गुना नकदी और अन्य सामान जब्त किए जा चुके हैं.

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