
कर्नाटक के बेंगलुरु में फ्लैट से बरामद किए गए करीब 10 हज़ार वोटर आईडी कार्ड का मामला बढ़ता जा रहा है. नई दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से इस मसले पर चुनाव आयोग से मुलाकात की, देर शाम बीजेपी नेता भी चुनाव आयोग पहुंचेंगे. अब इस मामले में फ्लैट मालिक का बयान भी सामने आया है.
फ्लैट की मालिक मंजुला नंजामुरी ने कहा कि वह 1997 से 2002 तक सभासद रह चुकी हैं, इसमें बीजेपी ने उनकी मदद की थी. उन्होंने कहा कि मैं एक हाउस वाइफ थी, लेकिन बीजेपी ने उनकी सभासद बनने में मदद की इसलिए वह खुद को उनकी शरण में मानती हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं रही और ना ही भविष्य में उनके साथ जुड़ेंगी.
मंजुला ने कहा कि राकेश उनके फ्लैट में बतौर किराएदार नहीं है बल्कि रेखा और रंगाराजू किराएदार हैं. बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राकेश बीजेपी समर्थक हैं और फ्लैट में किराएदार हैं. मंजुला के बेटे श्रीधर ने कहा है कि राकेश का फ्लैट से कोई भी लेना-देना नहीं है, वह उनका कजिन जरूर है. उन्होंने कहा कि मेरा कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है.
दूसरी तरफ राकेश का कहना है कि चुनाव आयोग और पुलिस ने उनका बयान दर्ज कर लिया है. राकेश ने आरोप लगाया कि राज राजेश्वरी नगर से कांग्रेस उम्मीदवार उन्हें लगातार धमका रहे हैं. उन्होंने कहा कि फ्लैट से उनका कोई भी संबंध नहीं हैं और पिछले 10 साल से उनका फ्लैट की मालिक मंजुला नंजामुरी से कोई संपर्क नहीं है.
राकेश बोले कि हमें जब जानकारी मिली कि इस फ्लैट में काफी वोटर आईडी कार्ड हैं, उसके बाद ही हमने इसपर नज़र रखी. उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों में हमने यहां लगातार गाड़ियों की आवाजाही देखी है. आपको बता दें कि नई दिल्ली में बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्तार अब्बास नकवी, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान देर शाम को चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे.
क्या है मामला?
मंगलवार शाम बेंगलुरु के जलाहाल्ली इलाके में एक घर से बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड बरामद होने से विवाद गर्मा गया. यह इलाका राज राजेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है. इस मामले को लेकर बेंगलुरु में चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने मंगलवार रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की.
उनके अनुसार, राज राजेश्वरी में करीब 4 लाख 35 हजार 439 वोटर हैं, यह वहां की आबादी का 75.43 फीसदी है. पिछली बार रिवीजन के दौरान 28 हजार 825 नाम जोड़े गए थे. इसके बाद अपडेशन के दौरान 19,012 नाम और जोड़े गए थे. इस दौरान 8817 लोगों का नाम हटाया भी गया था.
संजीव कुमार ने बताया कि वह खुद इस घर में गए थे और उन्होंने यहां 9746 वोटर आईडी कार्ड बरामद किए थे. इन्हें छोटे बंडलों में बांधकर और लपेटकर रखा गया था. हर बंडल पर फोन नंबर और नाम लिखा गया था.