
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को अपने कर्नाटक दौरे के पहले दिन चुनावी बिगुल फूंकते हुए नारा दिया- अबकी बार, बीजेपी सरकार. गुटों में बंटी राज्य बीजेपी इकाई में जोश भरने के इरादे से शाह तीन दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंचे और कहा कि राज्य बीजेपी के प्रमुख बी. एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व में पार्टी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए तैयार है.
केम्पे गौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, दोस्तों, हमारी पार्टी एकजुट है और आगामी दिनों में येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनावी लड़ाई में उतरने के लिए तैयार है, देखते रहिए हम राज्य में बीजेपी की सरकार बनाएंगे. कर्नाटक में इस वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए पार्टी ने 150 से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है.
कर्नाटक बीजेपी नेताओं में मतभेद
शाह विभिन्न स्तरों पर पार्टी के लोगों से बातचीत करेंगे और एकजुट रहने के लिए वरिष्ठ नेताओं को भी नसीहत दे सकते हैं क्योंकि वरीय नेताओं के बीच हाल तक खुलेआम आरोप-प्रत्यारोप से पार्टी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी. पार्टी का एक धड़ा येदियुरप्पा के कथित मनमाने रवैये को लेकर उनकी आलोचना करता रहा है.
एक अन्य वरिष्ठ नेता के. एस. ईरैया इस मुद्दे को खुलेआम उछालते रहे हैं जिसके बाद दोनों को अपने मतभेदों का खुलेआम इजहार करने से मना किया गया.
येदियुरप्पा के खिलाफ विरोध के स्वर
शाह ने कहा, मुझे उम्मीद है कि जिस तरीके से पार्टी पिछले पांच वर्षों से कांग्रेस के भ्रष्टाचार, दमनात्मक और ध्रुवीकरण की नीति के खिलाफ लड़ती रही है, उसे देखते हुए महान राज्य कर्नाटक के लोगों ने बीजेपी को सत्ता में लाने का निर्णय कर लिया है.
तीन बार बदले बीजेपी के CM
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजय रथ अगले वर्ष फरवरी-मार्च में जब कर्नाटक पहुंचेगा तो पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में जीत दर्ज करने के लिए पूरे उत्साह के साथ तैयार रहना चाहिए. बीजेपी की पहली सरकार दक्षिण भारत में कर्नाटक में बनी जो 2008 से 2013 तक चली लेकिन इस दौरान पार्टी के अंदर काफी संघर्ष चला जिससे तीन बार मुख्यमंत्री बदलना पड़ा और कांग्रेस की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ हो गया.
सत्तारूढ़ कांग्रेस सत्ता बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन बीजेपी ने कहा है कि उसकी ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने के लिए उसने रणनीति तैयार कर ली है.
कर्नाटक में लिंगायत धर्म का मुद्दा
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार ने कहा कि बीजेपी न तो लिंगायत धर्म के मुद्दे को उछालेगी न ही कांग्रेस के ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ कन्नड़ भाषा विवाद को राजनीतिक हथियार बनाएगी. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस राज्य की सबसे बड़े लिंगायत समुदाय के अलग धर्म का समर्थन करती है जिसे बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
लिंगायत धर्म में बीजेपी का मजबूत आधार
बीजेपी का इस समुदाय में काफी जनाधार है. कुमार ने कहा कि बीजेपी लोगों और समुदायों के बीच घृणा फैलाने के लिए भाषा के मुद्दे का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहती. शाह का कर्नाटक दौरा पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरे देश के 110 दिन के उनके दौरे का हिस्सा है.
शाह तीन दिन के दौरे में बुद्धिजीवियों से बात करेंगे, धार्मिक नेताओं, राज्य के पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के नेताओं से मुलाकात करेंगे.
चुनचानगिरी मठ जाएंगे बीजेपी अध्यक्ष
शाह रविवार को पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे और मंड्या जिले के नागामंगला में आदि चुनचानगिरी मठ जाएंगे और वहां के संत से मुलाकात करेंगे जो कर्नाटक में दूसरे सबसे शक्तिशाली समुदाय वोक्कालिगा के धार्मिक नेता हैं. वह ऑर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर से भी मुलाकात करेंगे.