
कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस की सरकार में मंत्री पद को लेकर चल रही रस्साकशी बुधवार को खत्म हो सकती है. बुधवार को कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. लेकिन अभी दोनों पार्टियों के तय कोटे के सभी मंत्री शपथ नहीं लेंगे, बताया जा रहा है कि अभी भी कुछ मंत्रालयों को लेकर पेच फंसा है.
सूत्रों की मानें तो दोनों पार्टियां अपने-अपने कोटे के 2-3 पद खाली रखेगी. यानी बुधवार को शपथ होती है तो कांग्रेस के 22 में ले 19-20 और जेडीएस के 12 में से 9-10 मंत्री शपथ ले सकते हैं.
बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्रालय को लेकर दोनों पार्टी में खींचतान चल रही है. अभी तक हुए बंटवारे के हिसाब से ऊर्जा मंत्रालय जेडीएस के पास है, लेकिन कांग्रेस इस मंत्रालय को रखना चाहती है.
इसी को लेकर कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया, मौजूदा डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर, वरिष्ठ नेता डी.के. शिवकुमार मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे. आपको बता दें कि काफी खींचतान के बाद ये तय हुआ था कि कांग्रेस को 22 और जेडीएस को 12 मंत्री पद मिलेंगे.
किसे-कौन सा मंत्रालय?
कांग्रेस: गृह, सिंचाई, बेंगलुरु डेवलेपमेंट, उद्योग एवं शुगर इंडस्ट्री, स्वास्थ्य, राजस्व, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण जैसे 22 मंत्रालय रहेंगे.
जेडीएस: सूचना विभाग, खुफिया विभाग, वित्त एवं आबकारी, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, पर्यटन, कॉपरेशन, शिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा, पशुपालन, बागवानी, छोटे उद्योग, परिवहन विभाग सहित 12 मंत्रालय जेडीए को मिले हैं.
बता दें कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के बाद चले सियासी 'नाटक' और सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद जेडी-एस के नेता एच.डी.कुमारस्वामी ने 23 मई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. कांग्रेस व जेडीएस 25 मई को सदन में बहुमत साबित करने के बाद से सरकार गठन पर गहन चर्चा जारी रखे हुए थे.