
कर्नाटक में 5 दिन तक चले नाटक का नाटकीय अंदाज में अंत हो गया. ढाई दिन की सरकार चलाने के बाद बीएस सिद्धारमैया ने फ्लोर टेस्ट पर जाने के बजाए इस्तीफा देने का फैसला लिया. इसे जहां बीजेपी की बड़ी शिकस्त माना जा रहा है, वहीं इसके बाद विपक्षी नेताओं में उत्साह का संचार हो गया है. विपक्षी नेताओं ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कर्नाटक में बीजेपी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और देश के लोगों और संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर नहीं हैं. मोदी का रवैया लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि तानाशाही वाला है.
कर्नाटक के घटनाक्रम पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इसे लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लोकतंत्र की जीत है. कर्नाटक को बधाई. देवगौड़ा जी, कुमारस्वामी जी, कांग्रेस और अन्य को बधाई.' रीजनल फ्रंट की जीत है.'
दूसरी ओर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह राहुल गांधी और उनके गठबंधन की जीत है.' कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जी परमेश्वरा ने ट्विट कर कहा कि आज जो हमने देखा वो न केवल नाटकीय था बल्कि इसने लोकतंत्र और संविधान के प्रति हमारे विश्वास को और प्रगाढ़ ही किया है. कर्नाटक की बीजेपी कांग्रेस ने गवर्नर के साथ मिलकर हमें पीछे करने की कोशिश की. हमें संघर्ष करना होगा. असली काम अब शुरू होगा.
पूरे घटनाक्रम पर सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि बीजेपी की भ्रष्ट और आपराधिक रणनीति की हार मिली. यह दिखाता है कि कर्नाटक में जनादेश के खिलाफ जाकर राज्यपाल का बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देना संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है.