
आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता को कर्नाटक हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने विशेष अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री को 4 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही खबर है कि वह 17 मई को एक बार फिर तमिलनाडु की कमान संभालेंगी.
खबरों के मुताबिक, प्रदेश के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने सोमवार शाम को इस्तीफा दे दिया. जबकि डीए केस में बरी होने के बाद जयललिता 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद जयललिता के समर्थकों के बीच जश्न का महौल है. चेन्नई में पूर्व सीएम के घर के बाहर समर्थकों का हुजूम है. मिठाइयां बंट रही हैं और नारे लगाए जा रहे हैं. कोर्ट ने जयललिता समेत सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया है.
'यह न्याय की जीत है'
कोर्ट के फैसले के बाद जयललिता ने कहा, 'यह न्याय की जीत है. यह उन लोगों की हार है जो मेरी और एमजीआर की विरासत को बदनाम करने की साजिश रच रहे थे. यह मेरी नहीं बल्कि सच की जीत है. यह तमिलनाडु के लोगों की जीत है.'
जयललिता ने आगे कहा कि जिस तरह सोने की शुद्धता की जांच होती है, वैसे ही उनकी भी जांच की गई. पूर्व मुख्यमंत्री ने साथ देने के लिए प्रदेश के लोगों का धन्यवाद किया है. डीएमके पर आरोप लगाते हुए जयललिता ने कहा कि चुनाव के जरिए उन्हें हरा पाने में असफल होने के बाद डीएमके ने उनके करयिर के खिलाफ साजिश रची, लेकिन आखिरकार उन्हें न्याय मिला.
कोर्ट की सुनवाई और जयललिता के समर्थकों के मद्देनजर चेन्नई में और हाई कोर्ट के बाहर 5 एसीपी, 20 इंस्पेक्टर, 200 कांस्टेबलों और 3000 स्पेशल रिजर्व पुलिस बल की तैनाती की गई है. कोर्ट परिसर के बाहर धारा 144 भी लागू कर दिया गया था.
करीब 67 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति मामले में सुबह 11 बजे जस्टिस कुमारस्वामी ने यह फैसला सुनाया. जयललिता ने मामले में बेंगलुरु स्पेशल ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दी थी. पिछले साल 27 सितंबर को विशेष अदालत के न्यायाधीश माइकल डी कुन्हा ने जयललिता को 4 साल जेल और 100 करोड़ रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी. इसके अलावा उनकी सहयोगी एन शशिकलास, जे एलवरसी और दत्तक पुत्र वी एन सुधाकरन को भी चार-चार साल की सजा और 10 -10 लाख रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई थी. यह 1996 का मामला है.
12 मई को खत्म हो रही है जयललिता की जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता और बाकी तीन दोषियों की अपीलों पर सुनवाई पूरी करने के लिए तीन महीने की समयसीमा तय की थी. कर्नाटक हाईकोर्ट यह फैसला उस समयसीमा के एक दिन पहले
सुनाया जाएगा.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर रिहा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की बेल 12 मई को खत्म हो रही है.