
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश के हत्यारों की पहचान कर ली गई है. कर्नाटक सरकार का कहना है कि एसआईटी इस मामले में कुछ और सबूत एकत्र कर रही है. इसके बाद हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इससे पहले पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से हमलावर की तस्वीर निकाली थी. फुटेज में संदिग्ध हत्यारा साफ दिखाई दे रहा था.
कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि सरकार को हत्यारों के बारे में पुख्ता सुराग मिल गया है. हम जानते हैं कि इस मर्डर केस के पीछे कौन है, लेकिन ठोस सबूत इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है. हम बिना पुख्ता सबूत के उनके नाम उजागर नहीं कर सकते. सबूत हाथ आते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को ठोस सबूत हाथ लगे थे. फुटेज में संदिग्ध हत्याका बाइक पर सवार हेलमेट पहने हुए दिखा है. उसने पूरी बांह की शर्ट और पैंट पहने हुए है. उसके गले में किसी कंपनी का आईकार्ड और दाहिने हाथ में बैंड है. पुलिस 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का भी विश्लेषण किया है. कई प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ हुई है.
पुलिस जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि वारदात को अंजाम देने से पहले हमलावरों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक से घर के तीन चक्कर लगाए थे. मुख्य आरोपी की उम्र करीब 35 साल बताई जा रही है. उसने 7.65MM पिस्टल से इस वारदात को अंजाम दिया है. इसी तरह के पिस्तौल से एमएम कलबुर्गी को भी गोली मारी गई थी.
अब तक जांच में सामने आए तथ्य
- पुलिस ने 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया है.
- हमलावरों को गौरी के घर के बारे में पता नहीं था, इसलिए उन्होंने उनके घर की दो बार रेकी की थी.
- इस केस की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख ने क्राइम सीन का 5 बार दौरा किया है.
- इस वारदात को दो लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है, जो CCTV कैमरे में कैद हो गया है.
- डॉक्टर एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में बहुत समानता पाई गई है. दोनों को एक ही तरह से मारा गया है.
- एक संदिग्ध ने सफेद शर्ट और पैंट पहना था. उसके सिर पर हैलमेट थी. उसकी उम्र करीब 35 साल है.
- आरोपी सड़क के दाहिनी तरफ से गौरी के घर की तरफ आया, दूर आगे बढ़ा और फिर अपनी वापस मुड़ गया था.
- संदिग्ध को गौरी के घर के पास पहली बार शाम 3.27 बजे देखा गया. इसके बाद 7.15 बजे वह फिर वापस आया था.
- तीसरी बार जब संदिग्ध आया तो उसकी पीठ पर एक काला बैग था. हो सकता है इस बैग में वह हथियार लेकर आया हो.
- गौरी के घर पर पहुंचते ही उनके उपर चार राउंड फायरिंग की गई थी, जिसमें तीन सीधे उनके शरीर पर लगी थी.
गौरी ने बताया था जान का खतरा
बताते चलें कि गौरी लंकेश कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' की संपादक थीं. नवंबर, 2016 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके कारण उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया. इस मामले में उन्हें 6 महीने की जेल हुई थी. कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को अपनी जीवन पर खतरा बताया था.