
पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वह लोकतंत्र बचाओ, इंडिया बचाओ की मांग को लेकर विजय चौक पर धरने पर बैठ गए हैं.
यशवंत सिन्हा आम आदमी पार्टी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर राष्ट्र मंच के बैनर तले यह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, यह धरना उस समय तक चलेगा जब तक कर्नाटक में न्याय नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिल जाए तो वह अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे.
यशवंत सिन्हा ने कहा, जहां पर बीजेपी अल्पमत में होगी वहां भी वह कहेगी कि उसे बहुमत मिल गया है. सवाल है कि कर्नाटक में बीजेपी को 104 सीट मिली है जबकि सरकार बनाने के लिए 112 होना चाहिए. 104 सीट का मतलब बहुमत नहीं होता है.
पूर्व बीजेपी नेता ने कहा कि कर्नाटक की परिस्थिति को समझना होगा. बीजेपी ने गोवा, मणिपुर और बिहार में जो किया उसे नजरअंदाज कर दिया गया, लेकिन कर्नाटक के हालात अलग हैं, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास 104 विधायक हैं और बहुमत के लिए 112 चाहिए जबकि 2 निर्दलीय विधायक हैं. इससे सरकार नहीं बन सकती है. यशवंत सिन्हा ने कहा, गोवा, मणिपुर जिस सिद्धांत की बदौलत सरकार बनाई गई वही सिद्धांत कर्नाटक में अपनाया जाना चाहिए.
इसी तरह कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इस देश में एक संविधान और एक कानून ही होगा. अगर सबसे बड़ी पार्टी का तर्क बीजेपी के लोग दे रहे हैं तो सबसे पहले बिहार, गोवा और मणिपुर की सरकारों को इस्तीफा दे देना चाहिए.
येदियुरप्पा को आज राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. कल रात सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था. इसके बाद रात में ही कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
कर्नाटक में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं. फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है.