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'पद्मावत रिलीज तो फूंक देंगे थिएटर', 25 को करणी सेना का भारत बंद

अपनी फिल्म पद्मावत के विरोध को देखते हुए संजय लीला भंसाली ने करणी सेना को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि वे पहले उनकी फिल्म पद्मावत देखें, उसके बाद कोई राय बनाएं. इसके जवाब में करणी सेना का कहना है कि वे फिल्म नहीं देखेंगे, बल्क‍ि फिल्म की होली जलाएंगे. करणी सेना ने 25 जनवरी को फिल्म के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया है. सेना की ओर से 25 जनवरी को जनता कफ्यू लगाने को कहा गया है.

फिल्म का विरोध करते करणी सेना के कार्यकर्ता (फाइल फोटो) फिल्म का विरोध करते करणी सेना के कार्यकर्ता (फाइल फोटो)
महेन्द्र गुप्ता/गोपी घांघर
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  • 20 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST

अपनी फिल्म पद्मावत के विरोध को देखते हुए संजय लीला भंसाली ने करणी सेना को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि वे पहले उनकी फिल्म पद्मावत देखें, उसके बाद कोई राय बनाएं. इसके जवाब में करणी सेना का कहना है कि वे फिल्म नहीं देखेंगे, बल्क‍ि फिल्म की होली जलाएंगे. करणी सेना ने 25 जनवरी को फिल्म के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया है. सेना की ओर से 25 जनवरी को जनता कर्फ्यू लगाने को कहा गया है.

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उधर, दूसरी ओर गुजरात में फिल्म के विरोध को देखते हुए मल्टीप्लेक्स मालिकों ने फिल्म न चलाने का फैसला लिया है. गुजरात में करणी सेना लगातार अलग-अलग शहरों के हाईवे पर टायर जलाकर जाम लगा रही है और विरोध प्रदर्शन कर रही है. करणी सेना के सख्त विरोध के बाद अहमदाबाद मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने पद्मावत रिलीज न करने का फैसला लिया है. ये फैसला मल्टीप्लेक्स की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया.अहमदाबाद के मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पटेल का कहना है कि गुजरात के सिनेमाघरों में पद्मावत फिल्म को नहीं दिखाया जायेगा. हम मल्टीप्लेक्स की सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं'

एएनआई के अनुसार, राजपूत संगठनों के कुछ सदस्यों ने पद्मावत के विरोध में हरियाणा के अंबाला में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने धमकी दी है कि यदि पद्मावत रिलीज होती है तो सिनेमाघरों को आगे के हवाले कर दिया जाएगा. बता दें कि चार राज्यों ने पद्मावत पर बैन लगाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन पर रोक लगाई है. अब राज्य किसी तरह फिल्म की रिलीज रोकने का रास्ता खोज रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जारी है बयानबाजी का दौर

पद्मावत फिल्म पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद उग्र प्रदर्शन और बयानबाजी का दौर जारी है. गुजरात में भी राजस्थान की तरह ही फिल्म का जबरदस्त विरोध हो रहा है. अहमदाबाद में महाकाल सेना के अध्यक्ष संजय सिंह राठौर ने आज तक से कहा, 'डेढ़ साल से आंदोलन चल रहा है. किसी भी हालत पर ये फ़िल्म गुजरात में नहीं चलने देंगे. सरकार, फ़िल्म प्रोड्यूसर के बीच लुका-छिपी का खेल चल रहा है'

संजय सिंह ने धमकी दी, 'अगर बीजेपी सरकार ने फ़िल्म दिखाने का प्रयास किया तो 2019 में इसका जवाब दिया जाएगा. लॉ एंड ऑर्डर की एसी की तैसी. कोई क़ानून नहीं चलता है.'

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संजय सिंह ने सवाल उठाया, 'ख़िलजी को चित्तौड़ जीतने में 6 महीने लगे थे. 6 दिन में सुप्रीम कोर्ट कैसे अपना फैसला सुना सकता है.' कहा, मैं गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री से विनती करता हूं लुका-छिपी के खेल से हमें हथियार पकड़ने कि लिए मजबूर न करें.

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शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा ?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा वो पद्मावत बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मशविरा कर रहे हैं. शिवराज ने कहा, 'हमने अपने एडवोकेट जनरल को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की स्टडी करने को कहा है. मैंने इसे अभी तक नहीं देखा है. हमारी अपनी चिंताएं हैं. अध्ययन के बाद हम सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी चिंताएं रखेंगे.'

किस वजह से फिल्म को लेकर जारी है विवाद

रानी पद्मिनी के विवादित चित्रांकन का आरोप है. करणी सेना ने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है. घूमर गाने पर भी रजवाड़ों ने विरोध जताया. हालांकि निर्माताओं ने तमाम बिंदुओं पर सफाई दी है. सेंसर ने भी इसे लेकर पांच अहम बदलाव सुझाए थे जिसे निर्माताओं ने पूरा कर दिया है.

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