
सिखों के प्रथम गुरु नानक देव की 550वीं जयंती 2019 में मनाई जानी है. लेकिन उससे पहले ही करतारपुर साहिब का मुद्दा भारत-पाकिस्तान की राजनीति में गर्माया हुआ है. पहले पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया और फिर भारत सरकार ने भी करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखी. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल मौजूद रहे.
हरसिमरत ने किया इमरान का शुक्रिया
शिलान्यास से पहले कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार है जिसकी बनाई हुई SIT के कारण 1984 सिखों के दंगों के आरोपियों को सजा मिली. आज कोर्ट ने दो आरोपियों को सजा सुना दी है, वो दिन दूर नहीं जब सभी आरोपियों को सजा होगी. उन्होंने कहा कि 70 साल में देश में कई प्रधानमंत्री आए और गए लेकिन मोदी जी के आने के बाद ही ये कॉरिडोर बनाने का फैसला किया.
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का शुक्रिया भी अदा किया और करतारपुर बॉर्डर के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज गुरु नानक की वजह से दो देश अपनी कड़वाहट भूल कर साथ में आगे आए हैं. मोदी सरकार ने लंगरों से टैक्स लेना बंद किया, 1984 में कत्ल-ए-आम करने वाले आरोपियों को सजा मोदी सरकार ने दिलवाई, गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती, जलियांवाला बाग कांड के 100 साल और गुरु नानक देव की 550 जयंती को मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि यहां का जो काम 70 साल से रुका हुआ था, अब अगर नितिन गडकरी को मौका मिला है तो वह 70 दिन में ही विकास कर सकते हैं.
चार महीने में बनेगा कॉरिडोर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि जो काम 70 साल से रुका हुआ था, वो अब मुझे करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम करतारपुर कॉरिडोर को चार लेन के तहत बनाएंगे, हम इस काम को 4-4.5 महीने में ही पूरा कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस कॉरिडोर के बनने से पंजाब के टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकार हमारे काम में लगातार सहयोग कर रही है.
PAK सेना प्रमुख पर बरसे कैप्टन अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मौके पर कहा कि आज सिखों की पुरानी मांग को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इसके लिए शुक्रिया करता हूं. उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर हम गुरु नानक देव के नाम पर एक बड़ा गेट बनाना चाहती है, हम इसका नाम करतारपुर द्वार रखेंगे.
कैप्टन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा को कहा कि अभी वो मेरे से काफी जूनियर हैं, मैं मुशर्रफ से भी सीनियर हूं. हर फौजी को पता है कि दूसरा फौजी क्या सोच रहा है. हम हमेशा अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं, लेकिन तुम्हें ये किसने सिखाया है कि आम लोगों को मार दो. लोग अमृतसर में कीर्तन कर रहे थे, और वहां ग्रेनेड मार दिया गया.
अमरिंदर ने कहा कि बतौर सिख मैं चाहता हूं कि मैं करतारपुर साहिब जाऊं, लेकिन मैं मुख्यमंत्री भी हूं यही कारण है कि मैं नहीं जाना चाहता हूं.
इसके तहत पाकिस्तान बॉर्डर से सटे मान गांव में डेरा बाबा नानक (पिंड) और करतारपुर साहिब रोड कॉरिडोर को तैयार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, हरसिमरत कौर बादल भी इस मौके पर मौजूद रहे.
Gurdaspur(Punjab): Vice President M Venkaiah Naidu to lay the foundation stone for the construction of Dera Baba Nanak-Karatarpur Sahib road corridor, later today pic.twitter.com/wUdGmTQr4Y
बता दें कि 28 नवंबर को पाकिस्तान भी अपने इलाके में करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर की नींव रखेगा. इस कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, वहीं 5 किलोमीटर तक इलाके को सील किया गया है.
आशा की किरण बनेगा कॉरिडोर
आजादी के बाद शायद ऐसा पहली बार होगा जब बिना किसी रोक-टोक के लोग बॉर्डर पार करेंगे. यही कारण है कि इस कॉरिडोर की भारत और पाकिस्तान के बीच अमन की एक नई आशा के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में कहा था कि किसने सोचा था कि बर्लिन की दीवार ढह सकती है और ये गलियारा सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों के पुल के तौर पर काम करेगा.
PAK नहीं जाएंगी सुषमा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर के नींव रखने के कार्यक्रम में पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को न्योता भेजा है. हालांकि, सुषमा ने इस न्योते को स्वीकारने से इनकार कर दिया है. इस कार्यक्रम में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे.
क्यों जरूरी करतारपुर साहिब?
आपको बता दें कि सिखों के प्रथम गुरु नानकदेव ने करतारपुर में अपने जीवन के अंतिम कुछ साल व्यतीत किए थे. यहां पर एक गुरुद्वारा है, जिसे करतारपुर साहिब कहा जाता है. ये भारत-पाकिस्तान सीमा से चार किलोमीटर दूर है.