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कश्मीर के पत्थरबाजों को आर्मी के 'सुपर 40 कोचिंग' की ओर से जवाब

कश्मीर के भीतर जारी अशांति के बीच आर्मी द्वारा शुरू किए गए "सुपर 40 कोचिंग के 28 बच्चों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास करते हुए रिकॉर्ड कायम किया है. सुपर 40 के 26 लड़कों और दो लड़कियों ने आईआईटी-जेईई मेन - 2017 में सफलता हासिल की है. इनमें से 9 लड़कों ने IIT एडवांस में भी सफलता हासिल की है. इस सफलता को पत्थरबाजों को दिए जाने वाले माकूल जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.

कश्मीर - सुपर 40 कश्मीर - सुपर 40
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • श्रीनगर,
  • 13 जून 2017,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

कश्मीर में जहां एक ओर आतंकी युवाओं को आकर्षित करने की पुरी कोशिश कर रहे हैं. ISI अपनी कोशिशों में लगा है. अलगाववादी अपने हितों को साधने के के लिए पैसा देकर पत्थरबाजी को प्रमोट कर रहे है. वहीं इसके उलट कश्मीर में कुछ ऐसा भी हो रहा है जिसे इस भयावह यथास्थिति का काट कहा जा सकता है. कश्मीर की इसी अशांति के बीच आर्मी द्वारा शुरू किए गए "सुपर 40 कोचिंग के 28 बच्चों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास करते हुए रिकॉर्ड कायम किया है.
सुपर 40 के 26 लड़कों और दो लड़कियों ने आईआईटी-जेईई मेन - 2017 में सफलता हासिल की है. इनमें से 9 लड़कों ने IIT एडवांस में भी सफलता हासिल की है. इस सफलता को पत्थरबाजों को दिए जाने वाले माकूल जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. इंडियन आर्मी चीफ बिपिन रावत ने इस सफलता पर बधाई दी है और युवाओं से अपील की है कि युवा आगे बढ़कर खुद ही अपना रास्ता बनाएं. कश्मीर के विकास के लिए काम करें

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यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि 78 फीसद सफलता दर के साथ कश्मीर सुपर 40 अब आईआईटी के बेहतरीन कोचिंग सेंटर्स में शामिल हो गया है. सुपर 40 की क्लास श्रीनगर में आर्मी के प्रशिक्षण सहभागी, सेंटर फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड लर्निंग और पेट्रोनेट एलएनजी द्वारा साल 2013 से चलाई जा रही हैं. इसे अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. यहां पूरे प्रदेश से मेधावी छात्र/छात्रा पढ़ने के लिए आते हैं.

अशांति के बावूजद नहीं रुकी ​कोचिंग
इस कोचिंग के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सिंह कहते हैं कि कश्मीर में अशांति के बावजूद कोचिंग का संचालन जारी रहा. इस कोचिंग में 9 बच्चे दक्षिण कश्मीर, 10 उत्तर कश्मीर, 7 कारगिल/लद्दाख और 2 जम्मू क्षेत्र से हैं. इस बार कश्मीर घाटी से 5 लड़कियों का पहला बैच था. उन्हें दिल्ली में कोचिंग दी गई. इनमें से दो लड़कियों ने मेन्स परीक्षा भी पास की.

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इस बीच कश्मीर के भीतर होने वाले उथल-पुथल की वजह से कोचिंग चलने में काफी परेशानी हुई. बीते वर्ष जुलाई माह में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मार दिए जाने के बाद से कश्मीर में हिंसा का दौर शुरू हो गया था. इस पूरे उथल-पुथल पर कर्नल राजेश कालिया कहते हैं कि जुलाई 2016 के बाद घाटी में आंतरिक अशांति और चुनौतियां आईं. इसके बावजूद बच्चों को तय शेड्यूल के मुताबिक ही क्लासेस दी गईं.

गौरतलब है कि इस प्रमुख योजना के तहत आर्मी द्वारा अप्रैल से मई के बीच पूरे राज्य में विभिन्न कॉलेजों प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए बच्चे चुने जाते हैं. उन्हें नि:शुल्क कोचिंग और आवास दिया जाता है. इसका पूरा खर्च पेट्रोनेट एलएनजी की सीएसआर पहल के तहत उठाया जाता है. इस सफलता को देखते हुए आर्मी के इस कोचिंग प्रोग्राम में अब 50 बच्चों को भर्ती करने की योजना है. इसमें पांच लड़कियां भी शामिल होंगी.

आर्मी द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के प्रतिभाशाली लेकिन वंचित बच्चों को करियर में आगे बढ़ने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करना है. कश्मीर सुपर 40 के ये बच्चे आईआईटी के अलावा अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों की परीक्षा में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते आए हैं.

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