Advertisement

ईद के बाद कश्मीर में आतंकियों की शामत, ऑपरेशन ऑलआउट फिर से होगा शुरू!

इस बैठक में अमरनाथ यात्रा के मुकम्मल सुरक्षा प्लान को लेकर भी चर्चा हुई जिसमें डीजी CRPF और बीएसएफ डीजी ने अपने पूरे डिप्लॉयमेंट के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी.

भारतीय सेना भारतीय सेना
जितेंद्र बहादुर सिंह/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

कश्मीर ने सेना का ऑपरेशन ऑलआउट फिर से शुरू हो सकता है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर आज दोपहर कश्मीर के मामले पर उच्च स्तरीय बैठक की गई. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में ईद के बाद कश्मीर में सीजफायर खत्म करना है या इसे जारी रखना है, इस पर चर्चा हुई. हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

Advertisement

जम्मू-कश्मीर में शांति के उद्देश्य से गृहमंत्रालय ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन पर ईद तक रोक लगाई थी. इसे रमज़ान सीज़फायर कहा गया था. बैठक में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर भी बात हुई.

45 मिनट चली इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ एनएसए अजीत डोभाल, आर्मी चीफ, आईबी चीफ, सीआरपीएफ के डीजी, बीएसएफ के डीजी जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के अलावा गृह सचिव राजीव गौबा सहित गृह मंत्रालय के दूसरी अधिकारी भी मौजूद थे. इस बैठक से ठीक पहले भाजपा महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने गृह सचिव राजीव गाबा से मुलाकात की.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन को लेकर सुरक्षाबलों की आम राय ली गई. इस बैठक में अलग-अलग सिक्योरिटी एजेंसी ने रमजान के दौरान हुए सुरक्षा बलों पर हमले आतंकी वारदातों के साथ-साथ हिंसा की पूरी घटनाओं का विस्तृत विवरण गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने रखा. सूत्रों के मुताबिक़ 16 जून को ईद के बाद अगर सरकार सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन को नहीं बढ़ाती है तो वह टेक्निकली अपने आप खत्म हो जाएगा. आपको बता दें कि हाल ही में राजनाथ सिंह ने दो दिन का जम्मू-कश्मीर दौरा किया था, जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया था.

Advertisement

इस बैठक में अमरनाथ यात्रा के मुकम्मल सुरक्षा प्लान को लेकर भी चर्चा हुई जिसमें डीजी CRPF और बीएसएफ डीजी ने अपने पूरे डिप्लॉयमेंट के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी. अमरनाथ यात्रा पर ख़ुफ़िया एजेंसियों के इनपुट पर भी पूरी चर्चा हुई. खतरे को देखते हुए इस बार तकनीक के आधार पर पूरे यात्रा रुट को सुरक्षित करने का प्लान तैयार हुआ है.

अमरनाथ यात्रा सुरक्षा प्लान के मुताबिक़-

1. यात्रियों को ले जाने वाली गाड़ियों पर RFID को इस पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर लगाया जाएगा. इसका मकसद है कि निजी गाड़ियों और अवैध रूप से यात्रियों को ले जाने पर रोक लगाना है.

2. यात्रा रुट पर 228 अर्धसैनिक बलों की कंपनी तैनात की जाएंगी, जो पिछले साल की अपेक्षा 20 कंपनी ज्यादा होंगी. इन कंपनियों को विशेष तौर पर सुरक्षा देने की ट्रेनिंग दी गई है.

3. सुरक्षा के लिहाज से इस बार तीसरी आंख की नज़र पूरी यात्रा पर रहेगी.

रमजान में सीज़फायर कितना सफल, कितना नहीं?

सरकार की ओर से कोशिश थी कि आतंकियों के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन के दौरान जो नागरिकों को परेशानी होती है वो ना हो. इसलिए सीज़फायर लागू किया गया. लेकिन आतंकियों का इस पर कोई असर नहीं हुआ था, सीजफायर के पहले ही दिन आतंकियों ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के घर के पास ही पुलिस टुकड़ी पर हमला किया था.

Advertisement

इसके अलावा भी पूरे महीने लगातार आतंकियों ने जगह-जगह पुलिस और सेना की टुकड़ियों पर हमले किए. इनमें कई जवानों ने अपनी जान भी गवाईं तो कई जवान घायल हुए.

क्या थी सरकार की घोषणा?

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि रमज़ान के महीने में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा. भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि आतंकियों की ओर से हमला होने की सूरत में सुरक्षाबल जवाबी कार्रवाई कर सकेंगे. बता दें, केंद्र सरकार ने राज्य  सरकार की मांग पर जम्मू -कश्मीयर में सशर्त सीजफायर का आदेश जारी किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement