
कोरोना वायरस की मार के बीच कश्मीर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. आतंकवादी घाटी में शांति भंग करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, सुरक्षाबल दहशतगर्दों पर करारा प्रहार कर रहे हैं और महज चार दिन के अंदर 14 आतंकियों को मारा जा चुका है. लेकिन आम नागरिकों से लेकर एक्टिविस्ट और सुरक्षाबलों को आतंकवादी निशाना बना रहे हैं. खासकर, दक्षिण कश्मीर में आतंकियों की सक्रियता काफी बढ़ गई है.
बीते सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में अज्ञात आतंकियों ने एक सरपंच अजय पंडिता (भारती) की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अजय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे. घाटी में इस तरह सरपंचों की हत्या पहले भी की जाती रही हैं, लेकिन लंबे वक्त बाद किसी कश्मीरी पंडित को आतंकियों ने निशाना बनाया. जो आतंकियों के नापाक मंसूबों को जाहिर कर रहा है.
5 अगस्त, 2019 को जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला लिया तो तब से ही घाटी में हलचल की आशंका थी. नागरिकों को तो सुरक्षाबल आसानी से नियंत्रित करने में कामयाब रहे और हिंसा की घटनाएं सामने नहीं आईं. इस मसले पर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने आजतक को बताया, 'मैं सफलता जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहूंगा. निश्चित रूप से यह कदम है जो हम सही दिशा में उठा रहे हैं.'
घाटी में जहां नागरिकों ने संयम बरता तो वहीं आतंकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए. खासकर, अपनी आदत से मजबूर पाकिस्तान घाटी में आतंक फैलाने की हर कोशिश करता रहा. सेना के सूत्रों ने बताया कि इस दौरान LoC पार से आतंकियों के घुसपैठ की भी भरपूर कोशिश की गई और कुछ साजिशों में वो कामयाब भी रहे.
साउथ कश्मीर बना हॉटबेड
घाटी में नागरिकों के साथ सामंजस्य बिठाने में तो सुरक्षाबल कामयाब रहे, लेकिन आतंकियों ने अशांति फैलाने की पूरी कोशिश की है. आतंकवादियों पर पूरी तरह काबू पाना उनके लिये चुनौतीपूर्ण भी रहा है. हालात ये हो गए हैं कि विशेषकर साउथ कश्मीर हॉटबेड बन गया है. लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि अकेले दक्षिण कश्मीर में करीब 125 आतंकवादियों के सक्रिय होने का आंकड़ा है, इनमें लगभग 100 स्थानीय हैं जबकि अन्य विदेशी नागरिक हैं.
J-K: अजय पंडिता की हत्या से खौफ में घाटी के सरपंच, जम्मू हो रहे हैं शिफ्ट
हाल ही में साउथ कश्मीर के अंदर पुलवामा जैसे हमले की साजिश को भी नाकाम किया गया, जब सुरक्षाबलों ने 45 किलो विस्फोटक से भरी कार को जब्त कर लिया. बताया जा रहा है कि हाल में ही में जिस एक IED एक्सपर्ट को मारा गया है, वो इस विस्फोटक वाली कार की साजिश में शामिल था. लेकिन खतरा अभी बाकी है. सूत्रों ने बताया है कि जैश-ए मोहम्मद में अभी ऐसे दो और IED एक्सपर्ट बचे हैं, जो साउथ कश्मीर में सक्रिय हैं.
आतंकी गतिविधियों को लोकल साबित करने की साजिश
पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका कई मोर्चों पर भारत के खिलाफ प्लानिंग करते हैं. आतंकियों को एक्सपोर्ट करने के बावजूद पाकिस्तान ये भी कोशिश कर रहा है कि हमलों के पीछे उसका नाम न आए ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी जो हालत हो गई है, उससे वो बच सके.
सुरक्षा बलों ने यह नोट किया है कि आतंकवाद को स्थानीय रंग देने की कोशिश की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि TRF जैसे संगठन का सामने आना उसी दिशा में एक कदम है. बता दें कि घाटी में पिछले कुछ महीनों में हुए हमलों का दावा TRF की तरफ से ही किया गया है. हालांकि, सुरक्षाबल इसे कोई संगठन ही नहीं मानते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा, 'हमारा मानना है कि ऐसा कोई संगठन नहीं है. ये एक सोशल मीडिया ग्रुप है, जो हर गतिविधि की जिम्मेदारी लेने की कोशिश कर रहा है. टीआरएफ कुछ नहीं है, बल्कि LeT और दूसरे संगठनों का ही दूसरा चेहरा है.'
आतंकियों पर ताबड़तोड़ हमले
आतंकी भले ही अलग-अलग किस्म की साजिश रच रहे हों लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इस साल यानी पिछले 6 महीनों के अंदर 90 से ज्यादा आतंकियों को अलग-अलग ऑपरेशन में मौत के घाट उतार दिया गया है. पिछले चार दिन में ही 14 आतंकी ढेर कर दिये गये हैं. हालांकि, भारत ने अपने कुछ जांबाज जवानों की शहादत भी देखी है.