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कश्मीर में पत्थरबाजों और सुरक्षाबलों की झड़प में 1 छात्र की मौत

कश्मीर के शोपियां जिले में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान पथराव कर रही भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में मंगलवार शाम एक छात्र की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य नागरिक घायल हो गए.

संकेतात्मक फोटो संकेतात्मक फोटो
मोहित ग्रोवर
  • श्रीनगर,
  • 07 जून 2017,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

शोपियां जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक युवक की मौत के बाद प्रशासन ने बुधवार को कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी हैं. गनोवपुरा गांव में मंगलवार को सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 20 वर्षीय आदिल फारूक मागरे की मौत के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाएं फिर से बंद कर दिया गया. एक पखवाड़े से बंद मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को चार दिन पहले ही बहाल किया गया था.

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सुरक्षा बलों ने गांव के एक घर में दो आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद मंगलवार रात को घर की घेराबंदी कर ली थी. गोलीबारी की आवाजें सुनते ही ग्रामीण घेराबंदी को तोड़ने के लिए अपने घरों से बाहर आकर सुरक्षा बलों पर पथराव करने लगे. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोडने पड़े.

मागरे को शोपियां जिले के जिस अस्पताल में ले जाया गया, वहां के चिकित्सकों ने कहा कि उसकी छाती में गोली लगी थी, जिसके कारण उसने अस्पताल के रास्ते में ही दम तोड़ दिया. पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प में 10 अन्य प्रदर्शनकारी घायल हो गए. प्रशासन ने छात्रों द्वारा हिंसा भड़काने पर लगाम लगाने के लिए बुधवार को शोपियां जिले में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए. शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भारी तैनाती की गई है.

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पढ़ें ऑपरेशन पत्थरबाज...

आपको बता दें कि इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनेंसर्स को बेनकाब किया था. इस स्टिंग में हुर्रियत के गिलानी धड़े का प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान पत्थरबाजों के लिए ISI से पैसे लेने की बात कबूलते कैमरे में कैद हुआ था. दरअसल नईम खान से इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा और खुद को काल्पनिक धनकुबेर बताते हुए कश्मीर के अलगाववादियों को फंडिंग की इच्छा जताई. इस पर फिर नईम चोरी छुपे ढंग से अंडरकवर रिपोर्टर्स से मिलने दिल्ली तक पहुंच गया. नईम ने जो खुलासे किए वो चौंकाने वाले थे.

नईम खान कैमरे पर ये कहते हुए कैद हुआ कि 'पाकिस्तान पिछले 6 साल से कश्मीर में बड़ा प्रदर्शन खड़ा करने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.' घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किस स्तर पर पैसा धकेला जा रहा है, इस पर नईम खान ने कहा, 'पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं.' हुर्रियत नेता ने ये भी साफ किया कि किस तरह इस्लामाबाद काले धन की धुलाई को भी अंजाम दे रहा है. ऑन रिकॉर्ड किसी भी कश्मीरी अलगाववादी नेता ने पहली बार ये खुलासा किया.

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आजतक के इस स्टिंग ने घाटी में सियासी हलचल बढ़ा दी है. इस मामले पर एक्सक्लूसिव बातचीत में पीडीपी सरकार में मंत्री हसीब दराबू ने कहा कि इस खुलासे से पता चलता है कि किस तरह स्कूलों को जलाने के लिए पैसे का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस स्टिंग को देखा है और आने वाले दिनों में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूबे के वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच कर रही है.

बता दें कि इस स्टिंग ऑपरेशन से जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों की बौखलाहत अब साफ दिखने लगी है. हुर्रियत की हकीकत को उजागर करने वाली खबर पर प्रतिक्रिया लेने पहुंची आजतक की संवाददाता से जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने बदसलूकी की.

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