
पुलवामा में आतंकवादी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जगह से एक टीन कनस्तर बरामद किए का दावा किया है. जिसमें लगभग 25 से 30 किलोग्राम आरडीएक्स भरे होने का अनुमान है. जांच अधिकारियों के मुताबिक कनस्तर को उस वाहन में रखा गया था, जिसका इस्तेमाल हमले में किया गया था.
समाचार एजेंसी IANS की मानें तो जांच से जुड़े एक सूत्र ने एजेंसी को बताया कि वह हमले के अगले दिन 15 फरवरी को अटैक साइट पर गया था. जहां उसे आरडीएक्स वाला एक कनस्तर मिला है. वो हमला केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर किया गया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक कनस्तर का आकार देख कर ऐसा लगा रहा है कि उसमें लगभग 25 से 30 किलोग्राम आरडीएक्स भरा रहा होगा. उड़ाए जाने से पहले कनस्तर को कार के अंदर रखा गया होगा.
हालांकि अभी अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि कनस्तर में जितना आरडीएक्स भरे होने का अनुमान है, क्या हमले में उतना ही विस्फोट इस्तेमाल किया गया था? एनआईए के अनुसार यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस हमले में कितने आरडीएक्स और अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था.
यह खुलासा उस मारुति इको वाहन की पहचान किए जाने के अगले दिन किया गया है, जिसका इस्तेमाल आत्मघाती हमले में किया गया था. उस गाड़ी को वर्ष 2011 से लेकर अब तक 7 बार बेचा जा चुका है. इसी गाड़ी को आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने इस्तेमाल किया था. मौक से बरामद गाड़ी के अवशेषों को एनआईए ने फॉरेंसिक और ऑटो मोबाइल विशेषज्ञों को जांच के लिए भेजा था.
इनकी मदद से ही मारुति इको वाहन की सारी जानकारी मिल पाई. एनआईए ने जिस वाहन की पहचान की है, उसे जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध सज्जाद भट ने हमले से महज 10 दिनों पहले चार फरवरी को खरीदा था. सज्जाद अनंतनाग जिले का रहने वाला है.
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, भट जम्मू कश्मीर के शोपियां इलाके स्थित जिराज-उल-उलूम का छात्र था. बताया जाता है कि बाद में वो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया था. तभी से वो जैश की नीतियों को अपनाकर आतंक का खेल खेल रहा था.