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यासीन मलिक बोले- मोहब्बत नहीं डर बांट रहे हैं मोदी, कश्मीरी युवा फिर बंदूक की राह पर

जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक की मानें तो कश्मीरी युवा एक बार फिर बंदूक उठाने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि उनके साथ अत्याचार हो रहा है. बिना किसी वजह से घर में घुसकर उन्हें उठाया जा रहा है और थाने में ले जाकर टॉर्चर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घाटी में एक बार फिर अशांति का माहौल है.

अमित कुमार दुबे/पुण्‍य प्रसून वाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2016,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST

जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक की मानें तो कश्मीरी युवा एक बार फिर बंदूक उठाने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि उनके साथ अत्याचार हो रहा है. बिना किसी वजह की घर में घुसकर उन्हें उठाया जा रहा है और थाने में ले जाकर टॉर्चर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घाटी में एक बार फिर अशांति का माहौल है.

युवा बंदूक उठाने को मजबूर
अलगाववादी नेता मलिक ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि कश्मीर में जो युवा 2008 में बंदूक छोड़ मुख्यधारा में जुड़े गए थे. उनको आज की तारीख में परेशान किया जा रहा है. युवाओं में राज्य सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार को लेकर खासी नाराजगी बढ़ती जा रही है. जिससे मजबूरन फिर से पढ़े-लिखे लोग बंदूक की तरफ जा रहे हैं. मोदी सरकार के आने के बाद से घाटी फिर 90 दशक की तरफ लौट रही है.

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लोगों को डराने में जुटे हैं मोदी
मलिक ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी अटल जी के रोडमैप पर चलने की बात करते हैं. लेकिन हकीकत में वो लोगों को डरा कर रखना चाहते हैं. पीएम की चुप्पी इस बात को पुष्टि करता है कि वो लोगों के अंदर डर देखना चाहते हैं, कश्मीर ही नहीं देश भर में लोग खौफजदा हैं. उन्होंने कहा कि पीएम ने आज तक कभी ये नहीं पूछा कि आप डरे क्यों हैं? जबकि अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित नेहरू पीएम बनने के बाद इस बात में यकीन रखते थे कि लोग उनसे मोहब्बत करें और उन्होंने इस को लेकर काम किए.

कश्मीरी पंडितों कश्मीर के अंग
कश्मीरी पंडितों को लेकर सवाल के जवाब में मलिक ने कहा कि वो चाहते हैं कि जम्मू में रह रहे कश्मीरी पंडित कश्मीर लौट कर आएं और सबके साथ मिलकर रहें. जिस तरह से बाकी कश्मीरी पंडित और हिंदू पंजाबी सालों से रहते आए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कश्मीरी पंडितों के अंदर किसी बात को लेकर उधेड़बुन हैं तो वो कश्मीरी लोगों से बात करें. अलगाववादी नेता ने कहा कि कश्मीर की अगल पॉलिसी है उसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है ये चिंता का विषय है.

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नफरत की कॉलोनी का करेंगे विरोध
मलिक के मुताबिक 10 हजार कश्मीरी पंडित कश्मीर में रह रहे हैं और वो खुशहाल हैं. इसके अलावा 1947 से पहले पंजाबी हिंदू कश्मीर में रह रहे हैं और व्यापार कर रहे हैं उन्हें कश्मीरी लोगों से कोई खौफ नहीं हैं. यासीन ने केंद्र की इशारा करते हुए कहा कि खौफ नाम पर वो कश्मीर में नफरत की कॉलोनी बसाना चाहते हैं, जिसका वो विरोध करेंगे. कश्मीरी लोग साथ रहना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनके साथ गलत व्यवहार कर रही है.

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