
11 जून से शुरू हुई थी यात्रा
केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुले थे. 11 जून से स्थानीय लोगों के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा खोली गई थी, लेकिन केदारनाथ धाम के पुरोहितों, मजदूरों और कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो 9 दिन में मात्र 23 लोग ही बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे हैं.
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रोजगार के पड़े लाले
कोरोना के खौफ और केदारनाथ धाम में सुविधाएं न होने के कारण स्थानीय लोग भी बाबा केदार के दरबार में नहीं जा रहे हैं. इसके अलावा यात्रा पड़ावों पर रोजगार न होने के कारण सौ से ज्यादा नेपाली मूल के लोग केदारनाथ पहुंच गए हैं और रोजी-रोटी के लिए ठिकाना तलाश रहे हैं, लेकिन श्रद्धालु न होने की वजह से इन्हें यहां भी निराशा हाथ लगी है.
व्यापारी भी मायूस
बाबा केदारनाथ धाम में 12 जून से अब तक 186 लोग पहुंचे हैं. इनमें 20 तीर्थ पुरोहित, 23 तीर्थ यात्री, 16 विभागीय कर्मचारी, 15 होटल व्यवसायी, 6 साधु, 2 चरवाहे और 100 मजदूर शामिल हैं. ऐसे में यात्रा पड़ावों पर दुकानें खोले बैठे व्यापारी मायूस हैं. दुकान खोलने पर भी कोई श्रद्धालु दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं.
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पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने कहा कि देवस्थानम् बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों के यात्रा शुरू करने के बाद भी कम संख्या में लोग केदारनाथ जा रहे हैं.
उत्तराखंड में कोरोना के केस
देवभूमि कहे जाने वाला उत्तराखंड भी इन दिनों कोरोना की चपेट में है. राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 718 है. यहां 1433 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, अगर कोरोना की चपेट में आए कुल मरीजों की बात करें तो ये आंकड़ा 2177 है. जबकि उत्तराखंड में कोरोना से पीड़ित 26 लोगों की मौत हो चुकी है.