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केजरीवाल का आरोप, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और बादल के बीच सांठगांठ

पंजाब में कैप्टन तथा बादल पर आपस में मिल कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दोनों दलों से उब चुकी सूबे की आवाम अब बदलाव चाहती है और इसलिए लोग आम आदमी पार्टी की ओर देख रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
अमित कुमार दुबे/विवेक शुक्ला
  • जालंधर,
  • 26 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

पंजाब में कैप्टन तथा बादल पर आपस में मिल कर चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दोनों दलों से उब चुकी सूबे की आवाम अब बदलाव चाहती है और इसलिए लोग आम आदमी पार्टी की ओर देख रहे हैं.

जालंधर जिले के मेहतपुर इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, पंजाब की आवाम कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल से उब चुकी है, इसलिए इस बार विधानसभा चुनावों में वह बदलाव चाहती है. यही कारण है कि यहां की आवाम का भरोसा और विश्वास आम आदमी पार्टी के प्रति बढ़ता ही जा रहा है.

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केजरीवाल ने कहा, लोगों को पता है कि कैप्टन और बादल परिवार ने बारी-बारी से पंजाब को लूटने का ही काम किया है, इसलिए राज्य में अब बदलाव की हवा है और यह आप के समर्थन में है, क्योंकि हम जहां भी जाते हैं हजारों की संख्या में लोग हमें सुनने आते हैं. हम बहुत छोटे लोग हैं फिर भी लोग आ रहे हैं.

आप संयोजक ने कहा, पंजाब में अमरिंदर सिंह और बादल में अंदरुनी सांठगांठ है. दोनों नेताओं में मिलीभगत है क्योंकि दोनों में समझौता हो चुका है कि प्रदेश को पांच साल कैप्टन लूटेंगे और पांच साल बादल और पिछले 15 सालों से दोनों ने मिल कर सूबे को जमकर लूटा है.

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि साल 2002 तक कैप्टन अमरिन्दर के पास घर की पुताई कराने तक के पैसे नहीं थे, फिर वह मुख्यमंत्री बने और जुलाई 2005 में उनकी पत्नी परनीत कौर तथा बेटे रणिंदर के नाम स्विस बैंक में खाता खुला और पंजाब को लूट कर उसमें जमकर रुपया जमा किया गया. कैप्टन की पत्नी और बेटे के स्विस बैंक खाते का नंबर लोगों को बताते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि साल 2007 तक हर महीने उन खातों में पैसे जमा हुए हैं और अगर वह गलत कह रहे हैं तो कैप्टन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएं.

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उन्होंने कहा, 'कैप्टन और बादल में मिलीभगत नहीं होती तो कैप्टन के खिलाफ सारे मामले बंद नहीं कर दिए जाते. मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से कह कर कैप्टन के खिलाफ कार्रवाई करवाते लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि मोदी सरकार से पहले केंद्र की कांग्रेस सरकार ने बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी इसके बदले कैप्टन के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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