
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र 28 जून यानी बुधवार से शुरु होगा. दो दिन का ये विशेष सत्र केजरीवाल सरकार ने आनन-फानन बुलाया है. हैरानी की बात है कि सरकार ने इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि इस सत्र को क्यों बुलाया गया है.
विधानसभा के इस विशेष सत्र की सूचना सभी विधायकों की दी गई है, लेकिन ये नहीं बताया गया कि विधानसभा के इस विशेष सत्र में चर्चा किस बात पर होगी. खास बात ये है कि विशेष सत्र किसी विशेष वजहों से बुलाया जाता है और उसी खास मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. लेकिन अभी तक सरकार या स्पीकर की तरफ से इस बात की कोई सूचना विधानसभा के सदस्यों को नहीं दी गई है, कि उन्हें कौन-से मामले पर चर्चा में भाग लेना है या फिर बहस करनी है.
विधानसभा सचिवालय की तरफ से दो दिन पहले एक पत्र सभी विधायकों को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा का विशेष सत्र 28 और 29 जून को आयोजित किया जाएगा और सभी विधायकों को इस सत्र में मौजूद रहना है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक सरकार का ये विशेष सत्र गैर संवैधानिक है और सरकार इस तरह से जनता के पैसे बर्बाद नहीं कर सकती. हालांकि आम आदमी पार्टी या सरकार की तरफ से सत्र के बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ.
बीजेपी विधायक ओ पी शर्मा के मुताबिक केजरीवाल हमेशा अपना गुप्त एजेंडा लागू करने की कोशिश में रहते हैं और ये विशेष सत्र भी इसी बात का सुबूत है, क्योंकि अगर किसी मुद्दे पर सत्र बुलाया गया है, तो उसकी सूचना पहले विधायकों को दी जानी चाहिए, ताकि वो अपनी तैयारी कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.