
जेएनयू का छात्र नजीब 20 दिनों से गायब है. नजीब कहां है किसी को नहीं पता. लेकिन नजीब को तलाशने के लिए जेएनयू के छात्रों के साथ अब राजनेता भी जुड़ गए हैं. गुरुवार को जेएनयू कैंपस के अंदर राजनीति के धुरधंर का जमावड़ा देखने को मिला. बीजेपी विरोधी ताकतें जेएनयू कैंपस में एक साथ दिखी. जेएनयू छात्र नजीब को ग़ायब हुए तकरीबन बीस दिन हो गए. नजीब की तलाश और जांच को सही ढंग से किया जाए, इसलिए कैंपस में सॉलिडेरिटी मीटिंग का आयोजन किया गया. जिसमें आप, कांग्रेस, लेफ्ट और जेडीयू के नेताओं ने शिरकत की.
लेकिन नजीब को तलाश कैसे किया जाए, इसको छोड़कर नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. नजीब की मां अपने बेटे को ढूंढने के लिए पुलिस से लेकर प्रशासन तक रोज मिन्नतें कर रही है. ये एक मां का दर्द है, करीब बीस दिनों से अपने बच्चे के लिए राह तक रही है. लिहाजा गुरुवार को एक मां ने अपने बेटे के लिए राजनैतिक मंच का सहारा लिया. जेएनयू कैंपस में नजीब के लिए प्रोग्राम किया गया, जिसमें आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने दलबल के साथ पहुंचे, तो वहीं कांग्रेस से शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर के अलावा कई नेता ने मंच साझा किया.
इस मौके पर केजरीवाल ने बीजेपी, संघ और एवीबीपी को जमकर कोसा. केजरीवाल ने कहा कि जो बीजेपी के ख़िलाफ़ है, वो मार दिया जाएगा या ग़ायब करा दिया जाएगा. बीजेपी को कोसते हुए केजरीवाल ने यहां तक कह दिया कि नजीब को मुस्लमान मानने की गलती न करें. बीजेपी न हिन्दुओं की है, न मुस्लमान की है. बीजेपी वाले अपने बाप की भी नहीं है. सत्ता की लालच में बीजेपी वाले अपने बाप तक को बेंच दें.
केजरीवाल छात्रों के सामने इतना बोले कि वो भुल गए कि क्या बोलना है. बड़ी मुश्किल से शांत हुई जेएनयू कैंपस की आग को फिर से केजरीवाल ने ज़िंदा करते हुआ कहा कि हम लोगों को लड़ाई के लिए कैंपस से बाहर निकला होगा, और इंडिया गेट पर बैठने की अपील कर डाली, जिसपर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी केजरीवाल के इस बयान का समर्थन किया.
आप पार्टी, कांग्रेस नेता के साथ लेफ्ट और जेडीयू नेता ने भी बीजेपी को जमकर कोसा. लेफ़्ट नेता मे सर्जिकल स्ट्राइक पर भी चुटकी ली, तो राहुल गांधी और सीएएम केजरीवाल को हिरासत में लेने वाली दिल्ली पुलिस को भी केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने वाली बताया. बीजेपी विरोधी दलों के इस जलसे में नजीब की तलाश का मुद्दा कहीं खो सा गया. कुल मिलाकर नजीब के लिए सजाए गए मंच का इन नेताओं ने अपनी राजनीति साधने के लिए बखूबी इस्तेमाल किया.