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बीजेपी विधायकों को प्रताड़ित कर रही केजरीवाल सरकार: विजेंद्र गुप्ता

दरअसल बीजेपी का गुस्सा केजरीवाल सरकार के उस फैसले को लेकर थे जिसमें दिल्ली विधानसभा परिसर में बीजेपी विधायक ओपी शर्मा की एंट्री को लेकर सरकार के रवैये को लेकर था. बीजेपी विधायक ओपी शर्मा विधानसभा से दो सत्रों के लिए निलंबित हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा हाउस ही नहीं, विधानसभा के परिसर में ही घुसने नहीं दिया गया.

विजेंद्र गुप्ता विजेंद्र गुप्ता
प्रियंका झा/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:02 AM IST

बीजेपी नेता और प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर बीजेपी विधायकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. विजेंद्र गुप्ता ने कहा सरकार लगातार अपने बहुमत का इस्तेमाल कर हमें प्रताड़ित कर रही है.

दरअसल बीजेपी का गुस्सा केजरीवाल सरकार के उस फैसले को लेकर थे जिसमें दिल्ली विधानसभा परिसर में बीजेपी विधायक ओपी शर्मा की एंट्री को लेकर सरकार के रवैये को लेकर था. बीजेपी विधायक ओपी शर्मा विधानसभा से दो सत्रों के लिए निलंबित हैं, लेकिन उन्हें विधानसभा हाउस ही नहीं, विधानसभा के परिसर में ही घुसने नहीं दिया गया. बीजेपी का आरोप है वो बीजेपी विधानमंडल की मीटिंग कर रहे थे तभी सचिवालय में तैनात मार्शल जबरदस्ती वहां घुस आए उन्हें परिसर से बाहर जाने का फरमान सुना दिया. इस बात को लेकर विपक्ष के नेता की सुरक्षाकर्मियों से भी कहासुनी हुई. गुप्ता ने कहा सरकार बीजेपी विधायकों को डराने का कोशिश कर रही है और लगातार हमें प्रताड़ित कर रही है.

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कैग की रिपोर्ट पर भी उठाए सवाल
वहीं विजेंद्र गुप्ता ने अपने खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल द्वारा कैग रिपोर्ट के कथित तौर पर लीक होने के मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने के फैसले पर भी सवाल उठाया. दरअसल कैग की रिपोर्ट विज्ञापनों पर सरकारी खर्च को लेकर है. गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की सरकार विधानसभा से उनकी सदस्यता को रद्द करने की योजना बना रही है क्योंकि कई मुद्दे पर वह इसे घेरने का प्रयास कर रहे हैं.

'उपमुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोला'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा उन्होने 24 अगस्त 2016 को जब विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री से इस रिपोर्ट को सरकार को मिलने की बाबत जानकारी हाँ या न में मांगी, तब उपमुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोला कि उन्हें रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. ऐसा करके उन्होंने सदन के विशेषाधिकार का हनन किया है और अपने दायित्वों का संवैधानिक निर्वहन नहीं किया है. उपमुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष दर्ज किया जाना चाहिए. यहां सरकार उल्टे नेता प्रतिपक्ष पर विशेषाधिकार हनन का मामला दर्ज कराने की बात कहके उनको हतोत्साहित करना चाहती है. वहीं केजरीवाल सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया के उस बयान को लेकर भी था जिसमें उन्होंने कच्चा चना चबाने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, उसी मुद्दे को लकेर नेता प्रतिपक्षत ने केजरीवाल सरकार के नरभक्षी जैसे व्यहार करने का आरोप लगाया.

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