
पंजाब में आम आदमी पार्टी की गिरती साख और अंदरूनी कलह को पटरी पर लाने के लिए आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल गुरुवार को पंजाब पहुंचे तो स्वागत विरोध-प्रदर्शन से हुआ. विरोध करने वाले कोई और नहीं बल्कि AAP के ही वो कार्यकर्त्ता थे जो टिकट बंटवारे से नाराज थे.
जाहिर है जब झगड़ा घर में हो तो पड़ोसी भी मजा लेने से नहीं चूकते. लिहाजा अकाली दल और बीजेपी की महिला कार्यकर्ता भी केजरीवाल को काले झंडे दिखाने लुधियाना रेलवे स्टेशन पहुंच गईं.
लेकिन केजरीवाल के रुख और फिर बयान ने ये साफ कर दिया कि उनपर इस पूरे ड्रामे का असर पॉजिटिव हुआ. कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी दिल्ली चुनाव की याद आने लगी जब कुछ इसी तरह के हमलों पर रोज़ाना उन्हें जवाब देना पड़ता था लेकिन चुनावी नतीजों ने सबको मात दे दी. अरविंद केजरीवाल ने अपने चिर परिचित अंदाज में अपनी पार्टी की हर गलती को विरोधियों की साजिश करार दिया और अकाली दल का राज्य से सूपड़ा साफ करने का दावा किया.
मंथन करेंगे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल दो दिन लुधियाना में पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से मंथन करेंगे कि आखिर कैसे आप को इस स्थिति से बाहर निकाला जाए. इसके बाद केजरीवाल कांग्रेस के गढ़ पटियाला जाएंगे और फिर मोगा में किसान घोषणापत्र जारी करेंगे. उसके बाद दिल्ली से अगले दिन वो बेंगलुरु जाएंगे जहां उनका ऑपरेशन होना है.
पंजाब की कमान केजरीवाल के हाथों में
पंजाब में आम आदमी पार्टी के भीतर अंतर्कलह जगजाहिर हो चुकी है. रिश्वत लेने के आरोप में पूर्व संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को हटाने के बाद पार्टी में एक तबका दिल्ली से आए नेताओं के खिलाफ मुखर हो चुका है. इसीलिए केजरीवाल ने खुद पंजाब की कमान अपने हाथ में ली और 4 दिन तक लगातार पंजाब में घूमकर खुद कार्यकर्ताओं के गुस्से को शांत करने का प्लान बनाया.
बागी खेमे की मांगे
बागी खेमा घोषित किए गए उम्मीदवारों के नामों को वापस लेने और सुच्चा सिंह छोटेपुर को फिर से राज्य संयोजक बनाने की मांग कर रहा है. AAP राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 32 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है.
गुटबाजी से परेशान AAP
लेकिन केजरीवाल के लिए राह इतनी भी आसान नहीं. अब तक आए सर्वे में आप को पंजाब में सबसे अच्छे प्रदर्शन वाली पार्टी के तौर पर दिखाया जा रहा है लेकिन बाकी पार्टियों की तरह ही AAP की आपसी गुटबाज़ी उसके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा है ऊपर से महिलाओं के खिलाफ पार्टी की बनती छवि को दुरुस्त करना एक और चुनौती होगी और कुछ कसर बीजेपी से अलग हुए नवजोत सिंह सिधु पूरी करेंगे. लिहाज़ा पंजाब की तस्वीर बदलने का नारा लगाने वाले केजरीवाल को पहले पार्टी की बदलती तस्वीर को साफ़ करना ज़्यादा ज़रूरी होगा.