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केरल सीएम बोले- NRI की परिभाषा बदलने से होगा मिडिल क्लास को नुकसान

सीएम पिनराई विजयन का मानना है कि केरल के कई ऐसे लोग, जो मिडिल ईस्ट में काम कर रहे हैं. लेकिन यहां पर उनका घर है उनके परिवार के लोग रहते हैं, वो हर साल अपने परिवार के देखरेख के लिए यहां वापस आते हैं. उनकी मंशा टैक्स बचाने की नहीं होती है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन
aajtak.in
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 02 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

  • इनकम टैक्स अधिनियम- 1961 में होगा संशोधन
  • 240 दिन बाहर रहने वाले कहलाएंगे NRI, देना होगा टैक्स

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट कई वजह से चर्चा में हैं. एक तरफ जानकार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने टैक्स प्रोसेस को आसान करने के नाम पर और भारी बना दिया है. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एक संशोधन को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि इनकम टैक्स अधिनियम- 1961 के धारा - 6 में मोदी सरकार एक संशोधन करने जा रही है. जो केरल के लोगों को बुरी तरह से प्रभावित करेगा.

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मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन के तहत विदेश में रहने वाले वैसे भारतीय जो यहां के अलावा और किसी देश के नागरिक नहीं हैं उन्हें अपनी नागरिकता बरकरार रखने के लिए अब भारत में मात्र 120 दिन बिताने होंगे. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एनआरआई को मिलने वाले टैक्स छूट का फायदा भी समाप्त कर दिया है.

क्या है मौजूदा नियम?

मौजूदा नियम के तहत किसी भी एनआरआई को अपनी भारतीय नागरिकता बरकरार रखने के लिए 365 दिनों में 182 दिन यहां रहना अनिवार्य है. इसके साथ ही उनसे किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता है.

लेकिन नए नियम के तहत ये प्रावधान है कि वैसा भारतीय नागरिक जो किसी अन्य देश का नागरिक नहीं है उसे भारत का निवासी (नागरिक) माना जाएगा और उसकी दुनिया भर की कमाई पर भारत सरकार टैक्स लेगी.

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केरल सरकार की क्या है दुविधा?

सीएम पिनराई विजयन का मानना है कि केरल के कई ऐसे लोग, जो मिडिल ईस्ट में काम कर रहे हैं. लेकिन यहां पर उनका घर है उनके परिवार के लोग रहते हैं, वो हर साल अपने परिवार की देखरेख के लिए यहां वापस आते हैं. उनकी मंशा टैक्स बचाने की नहीं होती है.

ज्यादातर लोग जो मिडिल ईस्ट में काम करते हैं वो मध्यम परिवार के हैं. ऐसे में टैक्स नियम में बदलाव से ये लोग भी टैक्स के दायरे में आ जाएंगे और उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई परिवार को नहीं मिल पाएगी. इससे उनके और परिवार के भरण पोषण पर असर होगा.

सीएम ने कहा कि सरकार को लग रहा है कि इन लोगों को टैक्स के दायरे में लाने से देश को फायदा होगा. लेकिन इससे मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी. इतना ही नहीं इन परिवारों की जिंदगी खराब होने पर केरल पर भी अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को खराब करेगा. इसलीए केरल सरकार केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नियमों में बदलाव का विरोध करती है.

उन्होंने कहा कि जिनकी कमाई बहुत ज्यादा है और वो अपनी आय को भारत सरकार से छिपाने के लिए दूसरे देशो में पैसा सुरक्षित रखते हैं. ऐसे लोगों से निपटने के लिए केंद्र सरकार अगर कोई कदम उठाती है तो हम भी उनका साथ देंगे.

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केंद्र सरकार को उन लोगों का भी ध्यान रखना चाहिए जिनकी कमाई अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए भी पर्याप्त नहीं है.

केंद्र सरकार का क्या है तर्क?

एनआरआई की परिभाषा के तहत कई लोग अपना टैक्स बचाने के लिए बाहर के देशों में रहते हैं. केंद्र सरकार सभी लोगों को उस दायरे में लाना चाहती है. बजट में प्रावधान किया गया है कि एक भारतीय नागरिक को NRI बनने के लिए उसे भारत से 240 दिन बाहर दुनिया के दूसरे देश में रहना पड़ेगा.

अगर कोई भारतीय नागरिक दुनिया में किसी भी देश का नागरिक नहीं है तो उसे भारत का निवासी (नागरिक) माना जाएगा और उसकी दुनिया भर की कमाई पर (ग्लोबल इनकम) पर भारत में टैक्स लगाया जाएगा.

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