
केरल इस समय सदी की सबसे बड़ी त्रासदी झेल रहा है. पिछले कई दिनों से पूरा राज्य बाढ़-बारिश के कारण पानी-पानी है और अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच केरल को कई तरह से लोग-सरकारें-संस्थाएं मदद पहुंचा रही हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसी बात वायरल हो रही है कि भारत सरकार ने जो केरल को अतिरिक्त अनाज की मदद की है, उसका बिल केरल सरकार को थमा दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि केंद्र सरकार ने केरल की राज्य सरकार को 233 करोड़ का बिल थमाया है. इसके अलावा वायरल मैसेज में बताया भी जा रहा है कि केंद्र की ओर से कहा गया है कि अगर केरल सरकार ये 233 करोड़ रुपए नहीं देती है, तो केरल आपदा के लिए जो 600 करोड़ (100+500) का ऐलान किया गया है, ये राशि उसमें से काटी जाएगी. उदाहरण के लिए ये ट्वीट देंखे...
वायरल मैसेज के बीच मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बयान आया, जो इसपर सफाई जाहिर करता है. राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने बाढ़ से पीड़ित केरल को अतिरिक्त 89,540 टन अनाज भेजने का फैसला किया है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) योजना के तहत केरल को प्रति माह 1,18,000 टन अनाज मिलता है लेकिन इसमें पूरी आबादी शामिल नहीं होती है.
पासवान ने कहा, "हम राज्य में हर व्यक्ति तक अनाज पहुंचना चाहते हैं. इसलिए, हम अतिरिक्त 89,540 टन अनाज भेज रहे हैं. इसके अलावा, हमने 100 टन दाल भेजी है, अब रोजाना 80 टन की आपूर्ति की जा रही है."
एनएफएसए के तहत, ग्रामीण आबादी के 75 फीसदी और शहरी आबादी के 50 फीसदी लोगों को सब्सिडी वाले अनाज प्राप्त होते हैं, जिसमें प्रति व्यक्ति हर माह 5 रुपये, 3 रुपये, 2 रुपये और 1 रुपये प्रति किलो की दर से चावल, गेंहू और अन्य मोटे अनाज प्राप्त करता है.
अभी तय नहीं कौन देगा पैसा
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि मंत्रालय ने फैसला नहीं किया है कि अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति का खर्च कौन वहन करेगा. पासवान ने कहा, "यह शुरुआती चरण में है, बिल का भुगतान करने का मुद्दा अभी चिंता का विषय नहीं है. खाद्य अनाज की आपूर्ति तीन महीने तक की जा सकती है." उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केरल को जितनी संभव हो सके, उतनी मदद प्रदान करेगी.