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केरल: अब तक 180 की मौत, राजनाथ ने हेलिकॉप्टर से देखी जमीन की तबाही

केरल में बारिश और बाढ़ से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. ये सभी मौतें 29 मई से लेकर अब तक हुईं हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

केरल में बाढ़ की तस्वीर केरल में बाढ़ की तस्वीर
देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

केरल में बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा रखी है. यहां पर बारिश के कहर से अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. ये सभी मौत 29 मई से लेकर अब तक हुई हैं. अगर बात करें आने वाले दिनों में राहत की, तो ऐसे भी कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि 14 अगस्त तक केरल के कई जिलों में भारी बारिश की आशंका है.

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खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. राजनाथ सिंह आज केरल के दौरे पर हैं. पर्यटन मंत्री के.जी. अल्फोंस के साथ उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उनके साथ केरल के सीएम पिनरई विजयन भी हैं. वहीं डीएमके ने केरल के लोगों के लिए 1 करोड़ रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि डीएमके 1 करोड़ रुपये का योगदान दे रही है.

केंद्र ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए त्रिशूर, एर्नाकुलम, अलप्पुझा, वायनाड, कोझिकोड और इडुक्की जिलों में एनडीआरएफ की 14 टीमें तैनात की है. ये टीमें चिकित्सा सहायता के साथ राहत सामग्रियों के वितरण का भी काम कर रही हैं. इसके साथ ही एनडीआरएफ की अन्य टीमें भी तैनात रखी गई हैं. अब तक 398 लोगों को बचाया गया है.

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बारिश नहीं होने से मिली राहत

केरल में इडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिशूर के इलाके बाढ़ के पानी से अभी भी डूबे हुए हैं, लेकिन शनिवार को बारिश नहीं होने से यहां रहने वाले हजारों लोगों ने राहत की सांस ली है.  इसके साथ ही सरकार ने बाढ़ में अपनी घर और संपत्ति गंवाने वाले प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है.  इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इडुक्की, वायनाड और अन्य जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया.

विजयन ने इसके साथ ही अपना घर गंवाने वाले को चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. बारिश न होने के परिणामस्वरूप पिछले कई दिनों से तबाही मचा रहा इडुक्की बांध का पानी कम होने लगा है.

राज्य के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा, "बीती रात से इडुक्की बांध और उसके आसपास बारिश कम हुई है, जिसके कारण बांध का जलस्तर भी कम हो गया है." यहां हालात की समीक्षा के लिए पहुंचे मणि ने कहा, "अभी तक चीजें ठीक रही हैं और सबकुछ योजना के मुताबिक हो रहा है. बाढ़ द्वार के समीप पहुंचे पानी को चेरुथोनी पर रोक लिया गया, जिससे कोई बड़ा संकट खड़ा नहीं हुआ."

मुख्यमंत्री विजयन के साथ विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, राज्य के वन मंत्री पी. राजू, मुख्य सचिव टॉम जोस और केरल के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने शनिवार सुबह तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर द्वारा सबसे अधिक प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया.

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पीएम मोदी दे चुके हैं मदद का भरोसा

केरल में आपदा के बीच राज्य के सांसदों का दल शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला. प्रधानमंत्री मोदी भी केरल के मुख्यमंत्री से बात करके पूरी मदद का भरोसा दे चुके हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल में बाढ़ और भूस्खलन से हुई जनहानि पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में सामान्य हालात बहाल करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने का आग्रह किया.

इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा

केरल के इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा है. जहां पिछले 40 सालों में पहली बार चेरुथोनी बांध के पांचों शटर खोलने पड़े हैं. 50 साल में पहली बार केरल इतनी भयंकर बाढ़ और बरसात के बीच फंसा है. हालात इस कदर पानी-पानी हो चुके हैं कि केरल के इतिहास में पहली बार 24 बांधों को एक साथ खोलना पड़ा है. पिछले 40 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश और बाढ़ की वजह से इडुक्की के चेरुथोनी बांध के पांचों शटर एक साथ खोल देने पड़े हों.

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