
विरोध और हंगामे के बीच सोमवार को केरल के सबरीमाला मंदिर का द्वार खुल गया है. इसके साथ ही भगवान अय्यप्पा मंदिर में विशेष पूजा 'श्री चित्रा अत्ता तिरुनाल' शुरू हो गई है. यह पूजा मंगलवार रात 10 बजे तक चलेगी, उसके बाद मंदिर फिर से बंद हो जाएगा.
इससे पहले सोमवार शाम को दर्शन शुरू होने के बाद श्रद्धालु पवित्र पतिनेट्टम पाड़ी पर चढ़कर मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे. वहीं मंदिर में दर्शन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. बता दें कि हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को न भेजने की अपील की है. वीएचपी समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमाला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है.
उधर, सोमवार को केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा और सबरीमाला विवाद के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया. विजयन ने ट्वीट किया, 'बीजेपी की घिनौनी राजनीति और दगाबाजी एक्सपोज हो गई है. सबूत सामने आए हैं कि सबरीमाला में समस्या पैदा करने में बीजेपी नेताओं की भी मिलीभगत थी. यह नोट किया जाना चाहिए कि बीजेपी के राज्य अध्यक्ष भी इसमें शामिल थे. यह बहुत ही निंदनीय है.'
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 17 अक्टूबर को पहली बार कपाट खुले थे और अब खुल रहे हैं.