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शून्य के करीब पहुंची केरल की आबादी की वृद्धि दर

1.25 अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत में यह बहुत बड़ी खबर है. पिछले एक दशक के दौरान आबादी की वृद्धि दर न्यूनतम रहने के बीच केरल के आने वाले सालों में 'जीरो पॉपुलेशन ग्रोथ स्टेट' बनने की संभावना है.

केरल में आबादी की वृद्धि दर पूरे देश में सबसे कम है केरल में आबादी की वृद्धि दर पूरे देश में सबसे कम है
aajtak.in
  • तिरूवनंतपुरम,
  • 28 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

1.25 अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत में यह बहुत बड़ी खबर है. पिछले एक दशक के दौरान आबादी की वृद्धि दर न्यूनतम रहने के बीच केरल के आने वाले सालों में 'जीरो पॉपुलेशन ग्रोथ स्टेट' बनने की संभावना है.

आबादी कम, आधार कार्ड ज्यादा

राज्य योजना बोर्ड के ताजा आर्थिक सर्वे के मुताबिक, पिछले 10 सालों में आबादी में राष्ट्रीय वृद्धि दर 17.6 फीसदी रही और इस दौरान राज्य में आबादी की वृद्धि दर सिर्फ 4.9 फीसदी रही. यह देश के सभी राज्यों में सबसे कम है. विधानसभा के हालिया सत्र में साल 2014 के लिए पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक केरल में आबादी की वृद्धि दर शून्य फीसदी या नेगेटिव दर की ओर बढ़ रही है.

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जनगणना महानिदेशालय के अंतिम आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च 2011 को केरल की आबादी 3,34,06,061 थी. 2001 में राज्य की आबादी 3,18,41,374 थी. राज्य की कुल आबादी में 1,60,27,412 पुरुष (48 फीसदी) और 1,73,78,649 महिलाएं (52 फीसदी) हैं. कुल आबादी में 64.1 फीसदी लोगों की उम्र 15 से 59 साल के बीच है जबकि शेष 35.9 फीसदी में 12.6 फीसदी उम्रदराज लोग हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि छह साल तक के बच्चों की आबादी में 8.44 फीसदी की नेगेटिव दर दर्ज की गई है. 2001 में यह संख्या 37,93,146 थी, लेकिन 2011 में घटकर 34,72,955 रह गई.

-इनपुट भाषा से

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