
मानसून की बारिश झमाझम रहने का असर इस बार खरीफ फसलों की बुवाई पर दिखाई दे रहा है. इस बार अब तक खरीफ फसलों का बुवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 43.64 लाख हेक्टेयर ज्यादा रहा है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 5 अगस्त को खरीफ का कुल बुवाई क्षेत्र 885.29 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 841.65 लाख हेक्टेयर था.
अच्छी बारिश की वजह से बढ़ी बुवाई
खरीफ फसल की बुवाई ज्यादा रहने के पीछे जो सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है वो है अब तक हुई झमाझम बारिश . मानसून सीजन की शुरुआत में यानी जून के दूसरे हफ्ते से ही देश में बारिश ने जोर पकड़
लिया और ये स्थिति अगस्त में भी बनी हुई है. इस वजह से किसानों ने खरीफ की फसलों की बढ़-चढ़कर बुवाई की.
धान की फसल बढ़ी
खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान है और इसकी मानसून पर निर्भरता काफी हद तक है. इस बार अच्छी बारिश के चलते देश में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के 276.10 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 281.95 लाख हेक्टेयर रहा है. यानी धान उत्पादक राज्यों में रकबे में बढ़ोतरी है.
किसानों को होगा फायदा
धान की बुवाई बेहतर रहने के साथ जोरदार बारिश का दौर चलने की वजह से इसके उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही किसानों की लागत कम रहने की पूरी संभावना नजर आ रही है.
मोटे अनाज की बुवाई भी बढ़ी
मोटे अनाजों की खरीफ बुवाई भी इस बार पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 5 लाख हेक्टेयर बढ़कर 163.77 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है. सरसों और मूंगफली जैसी तिलहन फसलों का बुवाई रकबा भी खरीफ सीजन के दौरान पिछले साल के मुकाबले 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 167.58 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं दूसरी तरफ गन्ने की बात करें तो इसका बुवाई रकबा कमोबेश पिछले साल के बराबर 46.87 लाख हेक्टेयर रहा है.
दाल की बुवाई पर दिख रहा अच्छे मानसून का असर
दलहन की बात करें तो इस साल इसके बुवाई रकबे में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल 5 अगस्त तक दालों की बुवाई 89.72 लाख हेक्टेयर रकबे में हुई थी. लेकिन खरीफ सीजन में इस बार दलहन फसलों का बुवाई रकबा 121.10 लाख हेक्टेयर रहा है. इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि इस समय दालों की बढ़ी हुई कीमतों और अच्छे मानसून का असर दाल की बुवाई पर भी दिख रहा है. इससे इस बार आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में नरमी आने की पूरी संभावना है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों पर अगर भरोसा करें तो अच्छे मानसून का अच्छा असर फसलों पर नजर आएगा.