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मौत के मुंह से बाहर निकल आया मासूम, रूस के हमले भी नहीं कर सके बाल बांका

सीरिया में जिस तरह आईएसआईएस का खात्मा करने के लिए रूस आसमान से बेधड़क बम बरसा रहा है, उसमें कई बेगुनाहों की भी जान जा रही है. हाल ही में आसमान से आया बम एक रिहायशी इलाके में आ गिरा, जहां देखते ही देखते एक इमारत जमीन में समा गई. लेकिन एक छोटा बच्चा जिंदा बच गया.

मौत के मुंह से निकल आया बच्चा मौत के मुंह से निकल आया बच्चा
मोनिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:27 AM IST

जिस बच्ची की आप तस्वीर देख रहे हैं, उसका जीना और जिंदा रहना वाकई कमाल है. घर में था ये, जब आसमान से बरसे बम ने उसी घर को कब्र बना दिया. कब्र में तब्दील घर के अंदर अब ये घंटों घुटता रहा. घुटता रहा और रोता रहा. तभी कुछ लोगों के कानों में इस बच्चे को रोने की आवाज पड़ी. इसके बाद जो करिश्मा हुआ वो चौंकाने वाला है.

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मौत के शिकंजे में जिंदगी सलामत
सीरिया में ये बच्चा अपने घर में था, तभी आसमान ने उतरी इंसानी आफत ने पूरे घर को तबाह कर दिया. घर कब्र में तब्दील हो चुका था. लेकिन तभी कब्र बन चुके घर के एक हिस्से से एक बच्चे के रोने की आवाज आती है. आवाज के हिस्से की खुदाई हाथों से की जाती है ताकि बच्चे को चोट न लग जाए और फिर कुदरत अपना करिश्मा कुछ इस तरह दिखाता है कि सब हैरान रह जाते हैं. मलबे में बच्ची इस कदर फंसी हुई थी कि उसका हिलना-डुलना तो क्या सांस लेना भी मुश्किल लग रहा था, लेकिन शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. इसी मलबे में फंसी दो साल की एक दूसरी बच्ची को नहीं बचाया जा सका.

गुनहगारों के साथ बेगुनाह भी बन रहे शिकार
मामला सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर एलेप्पो के एक रिहायशी इलाके का है. आईएसआईएस और विरोधी गुटों को सबक सिखाने के लिए शहर के ऊपर दिन-रात उड़ान भरते फाइटर जेट्स यहां कब, कहां और किसके सिर पर बम बरसा दें, ये कोई नहीं जानता. इन हमलों में कई मासूम मारे जाते हैं क्योंकि बम बेगुनाह और गुनहगारों का फर्क करना नहीं जानते.

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हमलों में सीरिया-रूस साथ-साथ
सीरिया में रूसी जंगी जहाज राष्ट्रपति बशर अल असद के हक में बेशक आईएसआईएस पर बम बरसा रहे हो, लेकिन ये बम अक्सर रिहायशी इलाकों में भी गिरते हैं. और फिर हर तरफ मातम परस जाता है. आसमान में उड़ान भरते फाइटर जेट्स और उनसे होती बमबमारी को देख कर आप जमीन पर होनेवाली बर्बादी का अंदाजा तो लगा सकते हैं. यहां रूस के साथ-साथ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की फौज भी लगातार हमले कर रही है, लेकिन दिक्कत ये है कि ये बम सिर्फ आतंकवादियों पर नहीं, बल्कि सरकार के विरोधियों और यहां तक कि बेगुनाह शहरियों पर भी बरसाए जा रहे हैं.

आम लोगों को ज्यादा नुकसान
यहां शायद सोचने-समझने की फुर्सत किसी को नहीं है, तभी तो अपने-अपने एजेंडे की खातिर हर कोई शहर और शहरियों को लहूलुहान कर रहा है. उनके जीने का हक छीन रहा है. यहां हर किसी का अपना मकसद है, जिसकी धुरी में कच्चे तेल का कारोबार है. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद पर आईएसआईएस के साथ-साथ दूसरे विरोधी गुटों को कुचलने का इल्जाम है, वहीं तेल के लिए ही रूस पर असद का साथ देने का इल्जाम है, जबकि आईएसआईएस भी इस्लामी हुकूमत के नाम पर रुपए कमाने के फिराक में है, जबकि विरोधी असद को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. लेकिन इन सबके बीच सबसे ज़्यादा नुकसान आम लोगों का हो रहा है.

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