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विजय माल्या हैं 22 हज़ार करोड़ के मालिक

किंगफिशर एयरलाइंस को फौरी तौर पर करीब हज़ार करोड़ रुपये की ज़रूरत है. हैरानी इस बात पर है कि विजय माल्या को ना तो बैंक लोन देने को तैयार हैं और ना ही सरकार मदद की हामी भर रही है, जबकि आज भी विजय माल्या की अपनी हैसियत 22 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की है.

विजय माल्या विजय माल्या
आजतक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2011,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST

किंगफिशर एयरलाइंस को फौरी तौर पर करीब हज़ार करोड़ रुपये की ज़रूरत है. हैरानी इस बात पर है कि विजय माल्या को ना तो बैंक लोन देने को तैयार हैं और ना ही सरकार मदद की हामी भर रही है, जबकि आज भी विजय माल्या की अपनी हैसियत 22 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की है.

किंगफिशर एयरलाइंस बेशक संकट में हो, लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि भारतीय उद्योग जगत में ग्लैमर के किंग का गेम ओवर होने वाला है.

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किंगफिशर के तमाम संकट के बावजूद विजय माल्या की हैसियत अब भी करीब 22 हज़ार करोड़ की है.

विजय माल्या फिलहाल छह लिस्टेड कंपनियों के मालिक हैं, जिनमें किंगफिशर, यूबी होल्डिंग्स, यूनाइटेड ब्रेवरीज़ लिमिटेड, यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड, मैंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइज़र्स और यूबी इंजीनियरिंग लिमिटेड शामिल हैं.

विजय माल्या की मिल्कियत का सबसे बड़ा हिस्सा है उनका यूबी ग्रुप. भारत में शराब और बीयर उत्पादन में 50 फीसदी मार्केट शेयर माल्या के यूबी ग्रुप का है.

18 दिसंबर 1955 को पैदा हुए माल्या को यूबी ग्रुप अपने पिता विट्टल माल्या से विरासत में मिला. 1984 में सिर्फ 29 साल की उम्र में विजय माल्या इस ग्रुप के चेयरमैन बन गए. उन्होंने पिता की विरासत का विस्तार किया और इंग्लैंड और अमेरिका तक शराब का कारोबार फैला दिया.

इसके अलावा विजय माल्या के निजी साम्राज्य में भी ग्लैमर और दौलत की चमक भरी हुई है. उनके पास एक स्टड फार्म है, जहां बढ़िया नस्ल के 200 घोड़े हैं.

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आईपीएल में बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स टीम के मालिक हैं विजय माल्या, जिसे उन्होंने 464 करोड़ में खरीदा था.

बैंगलोर, गोवा और मुंबई समेत दुनिया के 26 शहरों में विजय माल्या के फ्लैट्स और महलनुमा बंगले हैं. उनके पास 312 फीट लंबा जहाज़ है, जिसकी कीमत करीब 450 करोड़ रुपये है.

विजय माल्या के काफिले में 16 विंटेज कार है और अब तो उन्होंने रियल इस्टेट में भी हाथ आज़माना शुरू कर दिया है. बैंगलोर में यूबी सिटी नाम के एक लाख 60 हज़ार वर्ग फीट का लक्ज़री मॉल में भी विजय माल्या की मोटी हिस्सेदारी है.

फिर भी किंगफिशर एयरलाइंस को संकट से उबारने के लिए माल्या को मुश्किल क्यों हो रही है? दूसरों से मदद मांगने की बजाय खुद माल्या क्यों नहीं लगाते अपनी पूंजी? अब इन्हीं सवालों के जवाब में छिपा है किंगफिशर का भविष्य.

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