
किंग्स इलेवन पंजाब के लिए IPL के बीते 10 सीजन भले ही अच्छे न रहे हों लेकिन इस बार टीम अच्छा करती जरूर नजर आ रही है. आर अश्विन की अगुवाई में टीम ने अबतक 3 मैचों में से 2 में जीत दर्ज की है और सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स के बाद अंक तालिका में तीसरे पायदान पर काबिज है.
सीजन से पहले अश्विन को टीम की कप्तानी दिए जाने पहले कुछ सवाल खड़े हुए थे लेकिन उनकी टीन ने बतौर कप्तान उनकी भूमिका पर मुहर लगा दी है. टीम ने दिल्ली के खिलाफ खेले गए अपने पहले मैच में 6 विकेट से बड़ी जीत दर्ज की और उसके बाद रविवार को खेले गए तीसरे मुकाबले में पहाड़ जैसे स्कोर के सामने CSK को ढेर कर दिया. हालांकि दूसरे मैच में पंजाब को RCB के हाथों 4 विकेट से हार मिली.
चालाकी से की कप्तानी
पहली बार किसी IPL टीम की कप्तानी कर रहे अश्विन मैदान पर पूरी सूझबूझ के साथ फैसले लेते दिख रहे हैं, बीते मैच में क्रिस गेल को अंतिम एकादश में शामिल करना उसी का नतीजा है. अश्विन जानते थे कि CSK के पास कोई ऐसा पेसर नहीं है जो गेल को परेशान कर सके जबकि गेल मीडियम पेसर्स के साथ बल्ले से क्रूर बर्ताव के लिए जाने जाते हैं. बीते मैच में गेल को खिलाने का नतीजा भी दिखा और उन्होंने ताबड़तोड़ 63 रन बनाकर CSK के बॉलिंग अटैक को ध्वस्त कर दिया.
अश्विन ने नतीजों की समीक्षा कर अपनी रणनीति में भी फेरबदल किया है. अश्विन ने RCB के खिलाफ हुए मैच में पॉवर प्ले के दौरान 5 ओवर स्पिनर्स से कराए थे लेकिन CSK के खिलाफ रणनीति बदली गई. इस मैच में पंजाब के पास बड़ा स्कोर था इसीलिए अश्विन ने अटैक न करते हुए अपना स्कोर बचाने की रणनीति बनाई और स्पिन बॉलर से सिर्फ एक ओवर कराया.
रिकॉर्ड रहा है खराब
पिछले 10 सीजन में किंग्स इलेवज पंजाब सिर्फ एक बार फाइनल खेली है. पंजाब की टीम 2014 के IPL फाइलन में KKR से हारने के बाद उपविजेता रही थी. साल 2016 और 2015 के सीजन में तो पंजाब की टीम अंकतालिका में सबसे निचने पायदान पर रही. इस दौरान टीम ने 28 में से सिर्फ 7 मैच ही जीते थे. पिछले सीजन में टीम प्लेऑफ में चौथे स्थान पर रही थी.
इस बार पंजाब को नए कप्तान और कई नए खिलाड़ी मिले हैं. टीम में क्रिस गेल, डेविड मिलर और एरॉन फिंच जैसे विदेशी खिलाड़ी हैं जो किसी भी मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं. वहीं युवराज सिंह, केएल राहुल, मनोज तिवारी जैसे घरेलू खिलाड़ियों ने भी खुद को कई मौके पर साबित किया है.
कप्तान आर अश्विन खुद भी काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं लेकिन बतौर कप्तान यह सीजन उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. गेंदबाज के रूप में भारत के लिए वह कई कारनामे कर चुके हैं लेकिन IPL में उन्हें अपने फ्रेंचाइजी के लिए खुद के साथ-साथ टीम की काबिलियत को आगे भी साबित करना है.