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देश की सबसे बड़ी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोकॉन लिमिटेड की किरण मजूमदार शॉ को 2014 के ओथमेर गोल्ड मेडल के लिए चुना गया है. यह अमेरिका के फिलाडेल्फिया स्थित केमिकल हेरीटेज फाउंडेशन की ओर से दिया जाने वाला एक शीर्ष पुरस्कार है. बायोकॉन के एक प्रवक्ता ने गरुवार को से कहा कि शॉ को मार्च में फिलाडेल्फिया में सम्मानित किया जाएगा. गैर-लाभकारी फाउंडेशन रसायनशास्त्र और रासायनिक प्रौद्योगिकी के इतिहास और विरासत के संरक्षण का काम करता है.
फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रास्टेन रेनहार्ड्ट ने कहा, 'भारत की पहली महिला ब्रू मास्टर शॉ ने किण्वन के ज्ञान का उपयोग अपने देश की एक महान उद्यमी बनने में किया.'
एक उद्यमी के अलावा शॉ समाज सेवी भी हैं और गरीबों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में मदद करती हैं.
शॉ ने बयान में कहा, 'इस सम्मान को पाने और जेम्स वाटसन, अहमद जवैल और रॉबर्ट लैंगर जैसे इसे पाने वाले अन्य प्रतिष्ठित लोगों की सूची में शामिल होने से मैं गौरवान्वित महसूस करती हूं, जिनसे मैंने काफी प्रेरणा ली है.'
शॉ इस सम्मान को पाने वाली तीसरी महिला और 20वीं व्यक्ति है. 1997 में स्थापित यह पुरस्कार रसायन और वैज्ञानिक विरासत में योगदान के लिए विशेष इन्नोवेशन, उद्यमिता और शोध के लिए दिया जाता है.
यह सम्मान डोनल्ड ओथमेर (1904-1995) की याद में दिया जाता है, जो एक प्रख्यात शोधार्थी, सलाहकार, संपादक, इंजीनियर, आविष्कारक, समाज सेवी, प्रोफेसर और किर्क-ओथमेर एनसाइक्लोपेडिया ऑफ केमिकल टेक्ननोलॉजी के सह-संपादक थे.