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किरन रिजिजू बोले-हर फोर्स के लिए बेहतर शूटिंग रेंज जरुरी

गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने वादा किया है कि गृह मंत्रालय अच्छे शूटिंग रेंज के लिए लगातार मदद करता रहेगा. हम लोग जानते हैं कि आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस व्यवस्था जिस तरीके से काम करती है उस योगदान के लिए देश आप पर नाज करता है.

11 दिसंबर तक चलेगा 19वें ऑल इंडिया पुलिस शूटिंग कंपटीशन  (फोटो-जितेंद्र) 11 दिसंबर तक चलेगा 19वें ऑल इंडिया पुलिस शूटिंग कंपटीशन (फोटो-जितेंद्र)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:37 PM IST

गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि हर फोर्स के लिए सबसे बेहतर शूटिंग रेंज होनी चाहिए अगर शूटिंग रेंज अच्छी रहेगी तो जवान और कमांडो बेहतर तरीके से अभ्यास कर सकेंगे.

19वें ऑल इंडिया पुलिस शूटिंग कंपटीशन की शुरुआत गुरुवार को गुड़गांव के मानेसर में एनएसजी कैंप में हुई. इस मौके पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू के साथ-साथ एनएसजी के डीजी सुदीप लखटकिया मौजूद थे. यह कंपटीशन 11 दिसंबर तक चलेगा.

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गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने शूटिंग कंपटीशन के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, 'मैं यह मानता हूं कि हर फोर्स के लिए सबसे बेहतर शूटिंग रेंज होनी चाहिए अगर शूटिंग रेंज अच्छी होगी तो प्रैक्टिस करने के लिए जवानों और कमांडो को बेहतर मौके मिलेंगे. मुझे लगता है कि देश के हर ट्रेनिंग सेंटर पर बेहतर शूटिंग रेंज बनाई जानी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि इसके लिए हम आपको आश्वासन देना चाहते हैं कि गृह मंत्रालय अच्छे शूटिंग रेंज के लिए लगातार मदद करता रहेगा. हम लोग जानते हैं कि आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस व्यवस्था जिस तरीके से काम करती है उस योगदान के लिए देश आप पर नाज करता है.

इस दौरान अलग-अलग राज्यों और पैरामिलिट्री फोर्सेस के कमांडो अपनी शूटिंग की जोर आजमाइश करेंगे. इस मौके पर डीजी एनएसजी सुदीप लखटकिया ने कमांडो की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि पुलिस का काम है अपने-अपने राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना, लेकिन कई बार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में बल का प्रयोग आवश्यक हो जाता है. वैसे तो पुलिस की कोशिश होती है कि टीयर गैस और लाठीचार्ज से व्यवस्था को रोका जाए है, लेकिन हालात कभी-कभी बहुत ज्यादा खराब हो जाते हैं तब पुलिस फायरिंग करने में मजबूर हो जाती है.

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उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि ऐसी स्थितियों में हम फायरिंग अपने देशवासियों के सामने करते हैं. ऐसे में फायरिंग पर नियंत्रण करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. फायरिंग किस तरीके से और कितनी सटीकता से की जाए यह महत्वपूर्ण हो जाती है. हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि इन तमाम चीजों पर कंट्रोल करना चाहिए. देखा यह जाता है कि जब मौका पड़ता है कि जब फायरिंग में कंट्रोल ना होने के कारण यह स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है और डैमेज बहुत ज्यादा हो जाता है.

डीजी एनएसजी ने ये भी कहा कि हमारे पास फायरिंग रेंज का अभाव है जिससे हम अपनी आवश्यकता को बेहतर नहीं कर सकते हैं. इस अभाव को पूरा करने की जरूरत है. विशेषकर राज्यों की पुलिस में इस तरीके से फायरिंग रेंज का अभाव है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हम इस बात की मांग करेंगे कि राज्यों में इस तरीके की फायरिंग रेंज की व्यवस्था कराई जाए. कई राज्यों ने अपने-अपने तरीके से फायरिंग रेंज बना रखी है. लेकिन आज हमें प्रोफेशनल और अपडेटेड फायरिंग रेंज की आवश्यकता है.

डीजी एनएसजी ने कहा कि गृह मंत्रालय से हमें हर तरीके की मदद मिल रही है, वैसे ही हम चाहते हैं कि हर राज्य की पुलिस के पास एसपीजी और एनएसजी की तर्ज पर फायरिंग रेंज हो. हम ऐसा करेंगे तो मुझे यकीन है कि पुलिस की जो फायरिंग क्षमता है वह बहुत तेजी से बढ़ेगी.

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