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सालों से अटके पड़े कुंडली मानेसर पलवल (KMP) एक्सप्रेस प्रोजेक्ट के पूरे होने के दिन नजदीक आ गए हैं. 2006 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को साल 2010 यानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों तक पूरा हो जाना था लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हो सका है.
कुल 135 किलोमीटर की लंबाई वाला ये एक्सप्रेसवे प्रदूषण और भयानक ट्रैफिक जाम से रोजाना जूझती दिल्ली के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट का एक हिस्सा जो पलवल से मानेसर के बीच है वो बनकर लगभग पूरा हो चुका है और अप्रैल में इसका उद्घाटन होने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से ये फायदे होंगे-
- दिल्ली से घटेगा भारी वाहनों का बोझ.
- दिल्ली से कम होगा प्रदूषण.
- मथुरा से पास आया गुड़गांव.
- दिल्ली को मिलेगी नई लाइफ लाइन.
- जल्द पूरा होगा कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे.
- पलवल-मानेसर सेक्शन का काम पूरा.
- 100 की स्पीड से फर्राटा भरेंगी कारें.
क्या है हकीकत
केएमपी एक्सप्रेसवे का पलवल से मानेसर तक का एक्सप्रेस वे बन कर तैयार है और अप्रैल को इसका उद्घाटन कर इसे आम जनता के लिए विधिवत रूप से खोल भी दिया जाएगा. दिल्ली-एनसीआर के लिए सुहाने सफर का सुंदर तोहफा होगा ये नया एक्सप्रेसवे. जहां वो फर्राटा भरते हुए निकलेंगे और पलवल से मानेसर तक की 53 किलोमीटर की दूरी महज 40 मिनट में पूरी कर सकेंगे.
दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे नंबर दो से जुड़े केएमपी एक्सप्रेस वे पर 'आज तक' टीम पहुंची तो सामना एक बेहद चमचमाती 6 लेन की सड़क से हुआ. जहां सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. उद्घाटन से पहले इस हिस्से पर मजदूर घास लगाते नजर आए तो दूसरी तरफ स्ट्रीट लाइट लगाने का काम भी तेजी से चल रहा था. बता दें कि इस पूरे एक्स्प्रेस वे को इस तरह से बनाया जा रहा है कि ये पूरी तरह से हरा भरा रहे. एक्सप्रेसवे के बीच में बना डिवाइडर भी पूरी तरह से हरा-भरा होगा. पलवल से मानेसर तक कई किस्मों के करीब 40 हजार पौधे रोपे गए हैं.
100 की स्पीड से दौड़ेंगे वाहन
इस एक्सप्रेववे पर गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा है 100 किलोमीटर प्रति घंटा. एक्सप्रेसवे के किनारे लगे साइन बोर्ड इसकी पुष्टि भी करते हैं. क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर मोड़ कम हैं तो ऐसे में आसानी से गाड़ी को 100 की स्पीड से दौड़ाया जा सकता है.
केएमपी की कुछ खास बातें
- 135.6 किलोमीटर लंबा है प्रस्तावित केएमपी एक्सप्रेस-वे.
- सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़, नूंह, सोहना, हथीन और पलवल क्षेत्र से गुजरेगा.
- दिल्ली वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भी कहलाता है केएमपी.
- 2003 में हुआ था केएमपी एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव, तब से लगातार बदल रही है डेडलाइन.