
अमेरिका के फ्लोरिडा के गे नाइट क्लब में 50 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला आतंकी उमर मतीन भी पुलिस के हाथों मारा गया. लेकिन उसने जो दर्द अमेरिका को दिए हैं वो वहां की जनता वर्षों तक नहीं भूल सकेगी. ओरलैंडो गे क्लब में रविवार तड़के हुई इस खूनी वारदात को अमेरिका के इतिहास में 'मास शूटिंग' की सबसे वीभत्स घटना कहा जा रहा है.
जब नाइट क्लब में जुटे लोगों की मस्ती चरम पर थी, उमर मतीन अपने हाथ में AR-15 लिए क्लब में घुसा और धुआंधार 50 राउंड से भी ज्यादा फायरिंग करता रहा. उसके बंदूक से निकली हर गोली वहां मौजूद किसी न किसी शख्स के शरीर को छलनी करती गई. आखिर वो कौन सी गन थी जिसका इस सनकी ने इस्तेमाल किया और देखते ही देखते नाइट क्लब में लाशों के ढेर बिछा दिए.
आइए जानते हैं अमेरिका में मास शूटिंग का पर्याय बन चुके इस खूनी गन के बारे में:
यह बंदूक अमेरिका में होने वाली अधिकतर मास शूटिंग में इस्तेमाल की जा रही है. इसकी एक मैग्जीन से दर्जनों राउंड फायरिंग की जा सकती है जिससे आसपास जमा हुए कई लोगों को एक साथ निशाना बनाया जा सकता है.
कोलंबिया के सिनेमाहॉल में मास शूटिंग में हुआ इस्तेमाल
कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो में पिछले साल हुए आतंकी हमले से लेकर 2012 में कोलंबिया के ऑरोरा में एक सिनेमाहॉल में हुई मास शूटिंग और सैंडी हूक एलिमेंट्री स्कूल में हुई फायरिंग में हत्यारों ने इसी तरह की बंदूक का इस्तेमाल किया.
राइफल बनाने वाली कंपनी पर लगे थे आरोप
कनैक्टिकट के न्यूटाउन में एडम लांजा नाम के एक शख्स ने AR-15 राइफल से ही 27 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. मारे गए लोगों में 20 बच्चे थे. इस घटना के बाद पीड़ितों के परिजनों ने यह राइफल बनाने वाली कंपनी बुशमास्टर्स फायरआर्म्स के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इनका कहना था कि कंपनी सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले इस गन को जानबूझकर बेच रही है जिसका दुरुपयोग हो रहा है.
एक बार में कर सकता है 10 से ज्यादा राउंड फायरिंग
आमतौर पर सेमी-ऑटोमैटिक रायफल की तरह दिखने वाली इस बंदूक में उच्च क्षमता वाली मैग्जीन लोड की जा सकती है. इससे हमलावर बिना रिलोडिंग के ही एक बार से 10 से ज्यादा राउंड फायर कर सकता है. दहशतगर्दों के बीच मशहूर हो रही यह गन उन कार्यकर्ताओं के निशाने पर भी आ गई है जो गन कल्चर के विरोध में हैं. इनका मानना है कि देश में बंदूकों की खुलेआम बिक्री बेहद खतरनाक है.
0.223 इंच का होता है कारसूत का डायमीटर
AR-15 में AR का मतलब ArmaLite Rifle होता है. इसमें इस्तेमाल होने वाली कारसूत का डायमीटर 0.223 इंच होता है. इस गन से निकली गोली की रफ्तार 3200 फीट प्रति सेकेंड होती है. इससे करीब 500 गज के दायरे में आने वाले लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. फुल ऑटोमैटिक AR-15 राइफल समूचे अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध है. हालांकि, इसके लिए काफी पेपरवर्क की भी जरूरत होती है. दिलचस्प है कि मतीन ने भी यह बंदूक कानून तरीके से हासिल किया था.
वियतनाम युद्ध में भी हुआ इस्तेमाल
1950 के दशक के आखिरी वर्षों में यह बंदूक दुनिया में पहली बार आई. इस गन को हॉलीवुड के एक गैरेज में शुरू की गई कंपनी वालों ने बनाया. इस कंपनी को शुरू करने वालों में एक एरोनॉटिकल इंजीनियर, एक हथियारों का सौदागर और एक मरीन से जुड़ा शख्स था. मिखाइल कलाशनिकोव के एके-47 के जवाब में तैयार किए गए इस बंदूक का वियतनाम युद्ध में भी खूब इस्तेमाल हुआ.
नाकाम रही इन बंदूकों पर पांबदी लगाने की कोशिश
इस किस्म के खतरनाक बंदूकों पर पाबंदी की भी कोशिशें हुईं. 1989 में कैलिफोर्निया के एक स्कूल में हुई खूनी गोलीबारी के बाद इस प्रांत में AR-15 राइफल पर पाबंदी लगा दी गई लेकिन एक कानूनी लूपहोल की वजह से इसे बनाने वाली कंपनी ने 'बुलेट बटन' के साथ इसकी बिक्री जारी रखी. 1994 में अमेरिकी कांग्रेस ने खतरनाक हथियारों पर रोक से जुड़ा एक विधेयक पास किया जिससे AR-15 राइफलों की बिक्री सीमित तो हुई, लेकिन इसे पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका. 2004 में यह विधेयक निष्प्रभावी हो गया और इस कानून को फिर से लागू करने की सारी कोशिशें बेकार रहीं. फिलहाल अमेरिका में AR-15 राइफलों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन इनकी बिक्री कम नहीं हो रही और खूनी खेल जारी है.