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जानें- मुंबई लोकल पर कितना बोझ, हर रोज 80 लाख मुसाफिर करते हैं सफर

मुंबई में लोकल ट्रेन एक दिन में लाखों मुसाफिरों को अपने गंतव्य तक लेकर जाती है, जबकि मुबंई वासियों के लिए करीब 22 घंटे पटरी पर दौड़ती है और सैंकड़ों किलोमीटर का सफर तय करती है. आइए जानते हैं मुंबई की लोकल पर राष्ट्रीय राजधानी मुंबई का कितना बोझ है.

मुंबई लोकल ट्रेन मुंबई लोकल ट्रेन
मोहित पारीक
  • मुंबई,
  • 29 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन के स्टेशन पर भगदड़ मचने से 22 लोगों की मौत हो गई. मुंबई में लोकल ट्रेन एक दिन में लाखों मुसाफिरों को अपने गंतव्य तक लेकर जाती है, जबकि मुबंई वासियों के लिए करीब 22 घंटे पटरी पर दौड़ती है और सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करती है. आइए जानते हैं मुंबई की लोकल पर राष्ट्रीय राजधानी मुंबई का कितना बोझ है.

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- मुंबई लोकल में हर रोज 80 लाख से अधिक लोग सफर करते हैं और रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है. साल 2006 में किए गए एक सर्वे के अनुसार मुंबई लोकल में हर रोज 67 लाख लोग यात्रा करते हैं. जो स्विट्जरलैंड जैसे देशों की जनसंख्या के बराबर है. बता दें कि मुंबई लोकल में एक साल में तीन अरब लोग सफर करते हैं, जो कि पुरी दुनिया की जनसंख्या का तीसरा हिस्सा है.

- वेस्टर्न लाइन और सेंट्रल लाइन में सबसे अधिक लोग सफर करते हैं. वेस्टर्न लाइन में करीब 35 लाख और सेंट्रल लाइन पर करीब 43 लाख लोग यात्रा करते हैं. वहीं हर्बर लाइन पर 10 लाख के करीब यात्री ट्रेवल करते हैं.

- रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में हर रोज करीब 3000 ट्रेन यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाती है. इसमें 1306 ट्रेन वेस्टर्न लाइन पर और 1710 ट्रेन सेंट्रल लाइन पर सर्विस देती है.

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- मुंबई लोकल की खास बात ये है कि इसकी सेवा दिन में सिर्फ 90 मिनट तक ही बंद होती है. क्योंकि वेस्टर्न लाइन के चर्चगेट से पहली लोकल सुबह 4.15 निकलती है, जबकि बोरीवली में रात 2.05 बजे आखिरी ट्रेन पहुंचती है.

- मुंबई लोकन ट्रेन का 465 किलोमीटर का नेटवर्क है, जो कि मुंबई से पुणे आने-जाने से भी बहुत ज्यादा है. बता दें कि मुंबई से पुणे करीब 150 किलोमीटर है. इसमें वेस्टर्न लाइन चर्चगेट से दहानु रोड तक जाती है, जिसकी दूरी 120 किलोमीटर है. वहीं सेंट्रल लाइन 54 किलोमीटर का सफर तय करती है, जो कि सीएसटी से कल्याण, कसारा और खोपोली तक का सफर तय करती है.

- लाखों लोगों को सफर करवाने वाली लोकल ट्रेन की सर्विस भी बहुत अच्छी है. लोकन ट्रेन आने का अंतराल भी 3-5 मिनट है. इससे यात्रियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता है.

- लोकल ट्रेन में भले ही भीड़ रहती हो, लेकिन इसके किराए का बोझ यात्रियों की जेब पर नहीं पड़ता है. लोकल में 120 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए महज 30 रुपये किराया देना पड़ता है. बताया जाता है कि यह दुनिया की सबसे कम किराया लेने वाली ट्रेनों में से एक है.

- बता दें कि लोकल की हर ट्रेन में फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट भी होते हैं, जिसका किराया थोड़ा ज्यादा होता है और अन्य डिब्बों की तुलना में इसमें भीड़ कम होती है.

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