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नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का सियासी सफरनामा

सत्तारूढ़ CPN-UML की विद्या देवी भंडारी को नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया. उन्होंने नेपाली कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी को 100 से ज्यादा वोटों से हराया. पेश है विद्या भंडारी का राजनीतिक सफरनामा...

नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति विद्या भंडारी नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति विद्या भंडारी
अमरेश सौरभ
  • काठमांडू,
  • 28 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

सत्तारूढ़ CPN-UML की विद्या देवी भंडारी को नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया. उन्होंने नेपाली कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी को 100 से ज्यादा वोटों से हराया. पेश है विद्या भंडारी का राजनीतिक सफरनामा...

विद्या ने हासिल किए 327 वोट
54 साल की विद्या देवी भंडारी सीपीएन-यूएमएल की उपाध्यक्ष व पार्टी के दिवंगत महासचिव मदन भंडारी की पत्नी हैं. उन्होंने चुनाव में 327 वोट हासिल किए, जबकि उनके विरोधी नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुल बहादुर गुरूंग को 214 वोट मिले. विद्या निवर्तमान राष्ट्रपति रामबरन यादव की जगह लेंगी, जिन्हें नेपाल को एक गणराज्य घोषित किए जाने के बाद 2008 में देश का पहला राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया था. गत 20 सितंबर को संविधान के लागू होने के साथ ही संसद सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर नए राष्ट्रपति का निर्वाचन जरूरी था.

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छात्र आंदोलन से करियर की शुरुआत
विद्या ने 1979 में एक वामपंथी छात्र आंदोलन से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह CPN-ML की सदस्य बनीं. इस दौरान वे अंडरग्राउंड हो गईं और उन्होंने मोरंग जिले से पार्टी विहीन पंचायत तंत्र के खिलाफ संघर्ष किया.

कम्युनिस्ट नेता मदन भंडारी से रचाई शादी
विद्या भंडारी ने प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता मदन कुमार भंडारी से शादी की. 1990 में पंचायती व्यवस्था के खत्म होने और बहुदलीय लोकतंत्र बहाल होने के बाद CPN-ML, CPN (मार्क्सवादी) के साथ एकीकरण के बाद CPN (UML) बन गया और मदन एकीकृत दल के महासचिव बन गए.

पति की मौत के बाद दूसरी पारी
1993 में एक सड़क हादसे में मदन की संदिग्ध मौत के बाद राजनीति में विद्या की दूसरी पारी शुरू हुई. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री कृष्णप्रसाद भट्टाराई के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह एक साल तक सांसद रहीं. उन्होंने 1994 और 1999 में लगातार दो संसदीय चुनाव जीते.

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कई अहम पदों पर काम करने का अनुभव
विद्या 2006 के जनांदोलन के बाद गठित अंतरिम संसद की भी सदस्य रहीं. वह 25 मई, 2009 से छह फरवरी, 2011 के बीच माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री थीं. इससे पहले 1990 के दशक में उन्हें पयार्वरण एवं जनसंख्या मंत्री नियुक्त किया गया था. वह करीब दो दशकों से पार्टी के सहयोगी संगठन ऑल नेपाल वीमेन एसोसिएशन का नेतृत्व कर रही थीं. विद्या को फरवरी 2009 और जुलाई 2014 में क्रमश: सीपीएन-यूएमएल के आठवें एवं नौवें सम्मेलन में पार्टी का उपाध्यक्ष चुना गया. वह जनवरी, 1998 में हुए पार्टी के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद से उसकी केंद्रीय समिति की सदस्य थीं.

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