
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को गोल्ड मोनेटाइजेशन, गोल्ड सोवरीन बॉन्ड, गोल्ड कॉइन और गोल्ड बुलियन योजनाएं लॉन्च की. जानिए इन योजनाओं की खास बातें और फायदे.
1. गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना के तहत जमा की जाने वाली राशि की न्यूनतम कीमत 995 शुद्धता वाले 30 सोने के मूल्य के बराबर होगी, जबकि डिपोजिट की अधिकतम
सीमा निर्धारित नहीं की गई है.
2. बैंकों द्वारा जमा किए गए सोने के लिए 995 शुद्धता के आधार पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. निर्धारित बैंक न्यूनतम एक से तीन वर्ष की अवधि के लिए सोना जमा करेंगे.
3. गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना मौजूदा गोल्ड डिपोजिट योजना की जगह लागू की जाएगी. हालांकि गोल्ड डिपोजिट योजना के तहत जमा राशि अवधि पूरी होने तक या जमाकर्ता द्वारा अपनी पूरी जमा राशि निकाल लेने तक जारी रहेगी.
4. इस योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा मान्यता प्राप्त कलेक्शन एंड प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर (सीपीटीसी) पर जमा किया जाने वाला सोना स्वीकार किया जाएगा.
5. मध्यावधि के तहत पांच से सात वर्ष के लिए और दीर्घावधि के तहत 12 से 15 वर्ष के लिए सोना स्वीकार करेंगे. न्यूनतम अवधि के लिए बैंक अपनी जिम्मेदारी पर सोना जमा करेंगे, लेकिन मध्यावधि और दीर्घावधि के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर सोना जमा होगा.
6. योजना के तहत जमा किए गए सोने को बीच में ही निकाला जा सकता है, लेकिन उसके लिए न्यूनतम लॉक-इन अवधि निर्धारित रहेगी और बीच में ही सोना निकाले जाने पर बैंक निजी स्तर पर हर्जाना लगाएंगे.
7. सोवरीन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा. आरबीआई ने बॉन्ड की पहली सीरीज के लिए सोवरीन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 2,684 रुपये प्रति ग्राम निर्धारित की है.
8. गोल्ड कॉइन और गोल्ड बुलियन योजनाएं गोल्ड मोनेटाइजेशन कार्यक्रम का ही हिस्सा हैं. इस योजना के तहत पहली बार राष्ट्रीय स्वर्ण मुद्रा जारी की गई हैं, जिसमें राष्ट्रीय चिह्न के रूप में अशोक चक्र अंकित होगा.