
सुप्रीम कोर्ट ने उपहार सिनेमा हॉल में लगी आग के मामले में गोपाल अंसल की सजा कम करने से इनकार कर दिया है, उन्हें अब अपनी 6 महीने की सजा पूरी काटनी होगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया है.
जानें उपहार कांड में कब क्या-क्या हुआ -
13 जून 1997- उपहार सिनेमा में बार्डर फिल्म के प्रसारण के दौरान आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई.
22 जुलाई 1997- पुलिस ने उपहार सिनेमा मालिक सुशील अंसल व उसके बेटे प्रणव अंसल को मुंबई से गिरफ्तार किया.
24 जुलाई 1997- मामले की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआइ को सौंपी गई.
15 नवंबर 1997- सीबीआइ ने सुशील अंसल, गोपाल अंसल सहित 16 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की.
27 फरवरी 2001- अदालत ने सभी आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही व अन्य मामलों के तहत आरोप तय किए.
24 अप्रैल 2003- हाईकोर्ट ने 18 करोड़ रुपये का मुआवजा पीड़ितों के परिवार वालों को दिए जाने का आदेश जारी किया.
20 नवंबर 2007- अदालत ने सुशील व गोपाल अंसल सहित 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। सभी को दो साल कैद की सजा सुनाई.
4 जनवरी 2008- हाईकोर्ट से अंसल बंधुओं व दो अन्य को जमानत मिली.
11 सितंबर 2008- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की जमानत रद की और उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया.
19 दिसंबर 2008- हाईकोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को दो साल से घटाकर एक साल कर दिया और छह अन्य आरोपियों की सजा को बरकरार रखा.
30 जनवरी 2009- उपहार कांड पीड़ितों के संगठन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट अंसल बंधुओं को नोटिस जारी किया.
17 अप्रैल 2013- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं, उपहार कांड पीड़ितों व सीबीआइ की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
5 मार्च 2014- सुप्रीम कोर्ट ने अंसल बंधुओं की सजा को बरकरार रखा.
उपहार कांड: गोपाल अंसल को काटनी होगी पूरी सजा, 4 हफ्ते में करना होगा सरेंडर