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जानें पृथ्वी पर बदलते तापमान व मौसम से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स...

हमारी धरती का मौसम और तापमान पल-पल बदलता रहता है. इसके किसी हिस्से में एक ही समय में भारी बरसात हो रही होती है तो कहीं चिलचिलाती गर्मी पड़ रही होती है. जानें पृथ्वी के मौसम व तापमान से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स...

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विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

अच्छा मौसम किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अच्छे मौसम के पीछे कई वजहें होती हैं. धरती पर पड़ने वाली गर्मी और ठंडक के लिए कई कारक काम करते हैं. बिजली की कड़कड़ाहट से लेकर पृथ्वी पर उठने वाले तूफानों के पीछे पृथ्वी का अपने जगह पर घूमना और दूसरे ग्रहों का उनके कक्ष में घूमना भी एक अहम कारण है. यहां हम इसी के मद्देनजर पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में बदलने वाले मौसम और वहां की खासियत से आपको रूबरू करा रहे हैं.

  • अंटार्कटिका में दर्ज किया गया अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस है. यह तापमान साल 1974 में 5 जनवरी को दर्ज किया गया था.24 घंटे के भीतर दर्ज की गई सबसे अधिक बरसात 182.5 सेंटीमीटर थी. इसे फोक-फोक में दर्ज किया गया था. इसे साल 1966 में 8 जनवरी को दर्ज किया गया था. इसके पीछे ट्रॉपिकल साइक्लोन मुख्य वजह थी.भारत के भीतर एक साल में दर्ज अधिकतम बारिश 25.4 मीटर (1000 इंच) है. इसे चेरापूंजी में दर्ज किया गया था.
  • पृथ्वी के किसी भी स्थान पर एक साल में दर्ज किए गए अधिकतम बर्फबारी का रिकॉर्ड 31.1 मीटर (1224 इंच) है. यह जगह अमेरिका के वाशिंगटन राज्य में माउंट रेनियर थी. इसे 19 फरवरी 1971 से 18 फरवरी 1972 के बीच दर्ज किया गया.
  • पृथ्वी पर दर्ज की गई सबसे अधिक हवा की स्पीड 484±32 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह तीन सेकंड गस्ट है जिसे डॉपलर ऑन व्हील्स पर दर्ज किया गया था. इसे ओकलाहोमा में दर्ज किया गया था.
  • पृथ्वी पर गिरने वाले सबसे भारी ओले के वजन 1 किलोग्राम था. यह ओला 14 अप्रैल की तारीख में साल 1986 को बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में गिरा था. बादल को मुख्यत: तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है. क्यूमूलस, स्ट्रेटस और सिरस.
  • हमारी धरती हर साल लाखों बिजली के तूफान आते हैं. इनसे लगभग 30,000 डिग्री सेल्सियस तक की बिजली डिस्चार्ज और 130,000 मील प्रति घंटे की स्पीड को टैप किया जा सकता है.
  • अकेले अमेरिका में दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में अधिक बवंडर देखने को मिलते हैं. यह लगभग 1200 प्रतिवर्ष है. यह इसकी भौगोलिक संरचना की वजह से अधिक होता है. यहां बवंडर बहुतायत में देखे व महसूस किए जा सकते हैं.
  • ट्रॉपिकल साइक्लोन हिन्दी अर्थ उष्ण कटिबंधीय चक्रवात को हरीकेन और टाइफून भी कहा जाता है. ये खुद के साथ तेज हवाएं, आंधी-तूफान, भारी बरसात और कम वायुदाब लेकर आते हैं. वे खुद के साथ कई बार भारी तबाही लेकर आते हैं. उदाहरण के तौर पर आप साल 1970 के भोला साइक्लोन, साल 1975 में चीन से टकराए नीना साइक्लोन और साल 2005 के कट्रीना को ले सकते हैं. कट्रीना ने अमेरिका के दक्षिणी हिस्से में भारी तबाही मचायी थी.

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