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जानें केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण प्रावधान, किसे मिलता है क्या

संविधान के अनुच्छेद 16(4) के तहत पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों को समय-समय पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है.

आरक्षण पर प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो) आरक्षण पर प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

केन्द्र सरकार ने देश में सवर्ण जातियों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उन्हें आरक्षण में शामिल कर लिया है. देश में मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक एससी, एसटी और ओबीसी जातियों को आरक्षण मिलता है. इस ऐलान के बाद अब केन्द्र सरकार देशभर में सवर्ण जातियों के लिए भी आरक्षण का रास्ता साफ करने जा रही है. हालांकि सवर्ण जातियों के लिए यह आरक्षण आर्थिक आधार पर देने का ऐलान किया गया है.

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संविधान के अनुच्छेद 16(4) के तहत पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों को समय-समय पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है. मौजूदा प्रावधान के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों को 15 फीसदी, 7.5 फीसदी और 27 फीसदी क्रमश: आरक्षण का प्रावधान किया गया है.

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इस आधार पर दिए गए आरक्षण के चलते देश में केन्द्र सरकार के 71 मंत्रालयों और विभागों के आंकड़ों के मुताबिक अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों की भागीदारी 1 जनवरी 2014 तक 17.35 फीसदी, 8.38 फीसदी और 19.28 फीसदी क्रमश: है.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार में अनुसूचित जाति(एससी) और अनुसूचित जनजाति(एसटी) के कर्मचारियों का आंकड़ा जहां प्रस्तावित प्रतिशत के बराबर है वहीं अन्य पिछड़ी जातियों का आंकडा प्रस्तावित दर से कम है. इसके लिए खास तौर पर जिम्मेदार यह तथ्य है कि जहां एससी और एसटी को आजादी के बाद से आरक्षण का प्रावधान है वहीं अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण की प्रक्रिया 1993 से शुरू की गई.

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