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क्या है रियल एस्टेट बिल, जानें 10 बातें

संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने गुरुवार को रियल एस्टेट बिल को मंजूरी दे दी. इससे बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगेगी और रियल एस्टेट सेक्टर को रेगुलेट करने में मदद मिलेगी.

रियल एस्टेट बिल को राज्यसभा की मंजूरी रियल एस्टेट बिल को राज्यसभा की मंजूरी
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 6:09 AM IST

संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने गुरुवार को रियल एस्टेट बिल को मंजूरी दे दी. इसमें रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है. सरकार ने इस विधेयक के पारित होने से पहले राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए 20 संशोधनों को स्वीकार किया. विधेयक 2013 से राज्यसभा में लंबित था. विधेयक का लक्ष्य रियल एस्टेट उद्योग को नियमित करना और प्रमोटरों के घोटालों से संपत्ति खरीदारों के हितों की रक्षा करना है. ये हैं इस विधेयक की 10 मुख्य बातें:

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1. बिल्‍डरों को तय समयसीमा में देना होगा फ्लैट
2. प्रॉपर्टी एजेंटों का रियल एस्‍टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीकरण अनिवार्य
3. सभी राज्‍यों में होगा अथॉरिटी का गठन
4. खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई जल्‍द सुनी जाएगी
5. हाउसिंग प्रोजेक्‍ट्स के जल्‍द क्‍लीयरेंस के लिए होगी सिंगल विंडो सिस्टम
6. हाउसिंग ही नहीं व्‍यवसायिक प्रॉपर्टी पर भी नियम होंगे लागू
7. धोखेबाजी से मिलेगी निजात
8. हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नियम
9. आएगी सिस्‍टम में पारदर्शिता
10. प्लान में बदलाव से पहले 2/3 खरीदारों की मंजूरी जरूरी

 

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