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104 सैटेलाइट की लॉन्चिंग: जानें क्यों अहम है ISRO का ये मिशन?

ऐसा पहली बार है जब एक ही प्रक्षेपण में 7 देशों के 104 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे. इससे पहले रूस ने 2014 में एक ही रॉकेट के जरिये 37 उपग्रह भेजे थे. पिछले साल जून में इसरो ने एक साथ 20 सेटेलाइट्स का प्रक्षेपण किया था.

क्यों खास है सैटेलाइट की ये सेंचुरी? क्यों खास है सैटेलाइट की ये सेंचुरी?
सबा नाज़
  • नई दिल्ली ,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST

अंतरिक्ष में इसरो की ये नई बुलंदी सिर्फ सेटेलाइट की संख्या के लिहाज से बेमिसाल नहीं है. इस लॉन्च के और भी कई ऐसे मायने हैं जो स्पेस तकनीक को नया आयाम देंगे.

आपको बताते हैं क्यों खास है सेटेलाइट की ये सेंचुरी:

-ऐसा पहली बार है जब एक ही प्रक्षेपण में 7 देशों के 104 उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे. इससे पहले रूस ने 2014 में एक ही रॉकेट के जरिये 37 उपग्रह भेजे थे. पिछले साल जून में इसरो ने एक साथ 20 सेटेलाइट्स का प्रक्षेपण किया था.

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- 104 उपग्रहों में से 88 अमेरिकी कंपनी Planet Labs के हैं. 'डव सेटेलाइट्स' कहलाने वाले ये छोटे उपग्रह 100 ऐसे उपग्रहों का हिस्सा हैं जिनकी मदद से धरती की सटीक और उच्च-क्वालिटी की तस्वीरें खीचीं जा सकें.

-इतने सारे उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में छोड़ना आसान काम नहीं है. बेहद तेज गति से चलने वाले अंतरिक्ष रॉकेट के साथ एक-एक सेटेलाइट के प्रक्षेपण का तालमेल बिठाने के लिए बेहद काबिल तकनीशियनों और इंजीनियरों की जरुरत पड़ती है. हर सेटेलाइट तकरीबन 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से प्रक्षेपित होगा.

- अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बेहद फायदेमंद बिजनेस में इसरो को नया खिलाड़ी माना जाता है. इस कीर्तिमान के साथ सस्ती और भरोसेमंद लॉन्चिंग में इसरो की ब्रांड वेल्यू में इजाफा होगा. इससे लॉन्चिंग के कई और कॉन्ट्रेक्ट एजेंसी की झोली में गिरने की उम्मीद है.

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