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टीपू सुल्तान की जयंती पर सरकारी समारोह का विरोध हुआ हिंसक, एक मौत

कर्नाटक के कोडगु में अठारहवीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान के जयंती समारोह के खिलाफ विरोध कर रहे विहिप के प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठी चार्ज कर दिया. इस दौरान वीएचपी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए.

कर्नाटक के कोडगु में विहिप कार्यकर्ता हिंसक हो उठे कर्नाटक के कोडगु में विहिप कार्यकर्ता हिंसक हो उठे
परवेज़ सागर
  • कोडगु,
  • 10 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

कर्नाटक के कोडगु में अठारहवीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान के जयंती समारोह के खिलाफ विरोध कर रहे विहिप के प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठी चार्ज कर दिया. इस दौरान वीएचपी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए.

कोडगु में मंगलवार को हमेशा की तरह इस साल भी टीपू सुल्तान जयंती समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर इस आयोजन का विरोध शुरु कर दिया. वे विरोध प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी करने लगे. पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने थोड़ी देर बाद विहिप कार्यकर्ता हिंसक हो गए. कुछ अज्ञात लोगों ने इस दौरान गोलीबारी भी की जिसमें एक युवक घायल भी हो गया

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और आयोजन स्थल की तरफ पथराव शुरु कर दिया. जिससे वहां अफरा तफरा मच गई. पथराव में विहिप के स्थानीय संगठन मंत्री को चोट लग गई. गंभीर हालत देखते हुए उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इससे पहले पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस तनावपूर्ण हालात देखते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी है. हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

राज्य सरकार पूरे राज्य में टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. भाजपा ने इस जयंती आयोजन का बहिष्कार किया है. क्योंकि कई धार्मिक संगठन टीपू को ‘‘धार्मिक रूप से कट्टर’’ मानते हैं. इसी का नतीजा था कि राज्यभर में आयोजित किए गए समारोहों के बीच हिंसा भड़क उठी.

इस बीच, गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने कहा कि चामराजनगर और मैसूर जिलों से मादीकेरी के लिए अतिरिक्त बलों को भेजा गया है. गृहमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने टीपू की जयंती मनाने के सरकार के फैसले को सही ठहराया. साथ ही उन्होंने इसके विरोध के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और ‘अन्य सांप्रदायिक ताकतों’ की आलोचना की.

गौरतलब है कि टीपू सुल्तान तत्कालीन मैसूर साम्राज्य के शासक थे और उन्हें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का घोर शत्रु माना जाता था. वह मई 1799 में ब्रिटिश फौज के हमले से अपने श्रीरंगपटना किले की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे.

इनपुट- भाषा

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