
लॉकडाउन की वजह से तमाम सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारी दफ्तर के काम घर में रहकर कर रहे हैं, खासकर आईटी सेक्टर के अधिकतर कर्मचारी (वर्क फ्रॉम होम-WFH) घर से सेवाएं दे रहे हैं.
दरअसल, आईटी इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती क्रिस गोपालकृष्णन का कहना है कि लॉकडाउन के बाद यानी स्थिति सामान्य होने पर भी करीब 10 लाख से अधिक आईटी कर्मचारियों के घर से ही काम करने की संभावना है.
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आईटी इंडस्ट्रीज में होगा बड़ा बदलाव
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि दरअसल आईटी इंडस्ट्रीज ने लोगों को घर से काम करने के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया है. आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक ने कहा है कि यह कोई छोटा-मोटा काम नहीं था. घर से काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को टेक्नोलॉजी सपोर्ट की जरूरत थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह बदलाव आ गया है और कोई बड़ी दिक्कत सामने नहीं आई.
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गोपालकृष्णन की मानें तो कई बड़े (आईटी) ऑर्गनाइजेशन में 90 से 95 फीसदी लोग घर से काम कर रहे हैं और यह बदलाव बेहद सहज रूप से और बहुत तेजी से किया गया. मुझे लगता है कि ये अब कारोबार का लगातार चलते रहने वाला हिस्सा बन जाएगा.
छोटी कंपनियां WFH पर करेंगी फोकस
उन्होंने कहा कि कई छोटे भारतीय स्टार्टअप ने पाया है कि वे घर से काम करने में उतने ही प्रभावी हैं और अब वे सोच रहे हैं कि क्या उन्हें स्थायी कार्यालय की आवश्यकता है? अब लॉकडाउन के बाद अब कंपनियों को इस बारे में सोचना होगा कि वे भविष्य में किस तरह काम करेंगी और उन्हें कितने बड़े कार्यालय की जरूरत है.कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
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गोपालकृष्णन का मानना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कम से कम 20-30 फीसदी आईटी कर्मचारी घर से काम करना जारी रखेंगे और ये स्थिति सामान्य हो जाएगी, यानी करीब 12 लाख लोग घर से काम करेंगे.
उन्होंने कहा, 'कुछ कंपनियां इसे तुरंत लागू करने के बारे में सोचेंगी, ताकि अधिक लोग घर से काम करें. वहीं छोटी कंपनियां WFH पर ज्यादा फोकस करेंगी, क्योंकि इससे ऑफिस किराये में काफी बचत होगी. उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर में नौकरियां जाने की आशंका तो नहीं है, लेकिन नई भर्तियां रुक सकती हैं.