
राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गांव की दरगाह में भगवान कृष्ण के जन्म पर आयोजित होने वाला जन्माष्टमी उत्सव सांस्कृतिक और धार्मिक समागम की अनोखी मिसाल है. दरगाह में अजान के साथ-साथ आरती भी गूंजती है. नरहट गांव स्थित शरीफ हजरत हाजिब शकरबरात का घर भव्य जन्माष्टमी मेला के लिए चर्चित है. जन्माष्टमी के मौके पर यहां संगीतमय नाटक, कव्वाली और लघु नाटिका का आयोजन होता है, जहां दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लोग मेला देखने आते हैं, क्योंकि दरगाह में इस तरह का आयोजन अनोखा है.
सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूती प्रदान करने वाली इस दरगाह में मेले के दौरान रोज हजारों लोग इकट्ठा होते हैं. दरगाह के खादिम यूनुस पठान कहते हैं कि यहां सैकड़ों साल से जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया. उन्होंने कहा, "हम सात पुश्तों से इस परंपरा को निभा रहे हैं। जाति और धर्म का फर्क किए बगैर यहां काफी उत्साह और उमंग के साथ लोग कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं." उन्होंने बताया, "लोग पूरी रात जागरण करते हैं और नाचते-गाते रहते हैं। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है."
दरगाह कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सातिक तिरगी ने बताया कि रविवार से शुरू हुआ यह उत्सव मंगलवार तक चलेगा. उन्होंने कहा, "यहां मुंबई से कव्वाली गाने वालों को बुलाया गया है. वे अपने संगीत से यहां लोगों का मनोरंजन करेंगे." तिरगी ने कहा कि शाम में 6.45 बजे दरगाह के समीप स्थित मस्जिद में अजान का समय होगा। इसी बीच पास के मंदिर से घंटे की आवाज के साथ आरती की गूंज सुनाई देगी.